img-fluid

खुलासा: अंतरिक्ष से आती थी अजीब आवाज, लगा एलियंस भेज रहे संकेत

March 14, 2025

नई दिल्‍ली। अक्सर जब अंतरिक्ष (Space) से कोई रेडियो संकेत मिलते हैं, तो हम दूसरों ग्रहों पर जीवन के होने का अनुमान लगाने लग जाते हैं. ऐसा लगता है कि वो शायद कोई एलियंस (Aliens) भेज रहे हैं. लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों इसको लेकर खुलासा किया.

पिछले 10 वर्षों से, पृथ्वी को हर दो घंटे में अंतरिक्ष के एक दूरस्थ क्षेत्र से रहस्यमयी रेडियो संकेत मिल रहे हैं. वैज्ञानिकों ने इन संकेतों का स्रोत ढूंढ लिया है, और यह स्रोत एक अनोखा बाइनरी सिस्टम है, जिसमें एक लाल बौना तारा और एक सफेद बौना तारा शामिल हैं. ये सिस्टम पृथ्वी से 1,600 प्रकाश-वर्ष दूर सप्तऋषि तारामंडल (उर्सा मेजर) में स्थित है.


वैज्ञानिकों के अनुसार, ये रेडियो संकेत एक बाइनरी सिस्टम से आ रहे हैं, जहां एक लाल बौना तारा और एक सफेद बौना तारा एक-दूसरे के चारों ओर घूम रहे हैं. इन दोनों तारों के चुंबकीय क्षेत्र आपस में टकराते हैं, जिससे लंबे रेडियो संकेत पैदा होते हैं. यह प्रक्रिया इतनी नियमित है कि हर 125 मिनट में एक संकेत पृथ्वी पर पहुंचता है, जैसे एक विशाल ब्रह्मांडीय घड़ी. डॉ. आइरिस डी रुइटर, जो अब सिडनी विश्वविद्यालय में हैं, ने 2024 में नीदरलैंड्स के एक रेडियो टेलीस्कोप के डेटा का अध्ययन करते हुए इन संकेतों की खोज की. उन्होंने लो फ्रिक्वेंसी एरे (LOFAR) टेलीस्कोप के डेटा में 2015 का एक संकेत पाया, और उसी क्षेत्र के डेटा में छह और संकेत ढूंढे. ये संकेत कुछ सेकंड से लेकर एक मिनट तक चलते थे और नियमित अंतराल पर आ रहे थे.

ये संकेत ‘फास्ट रेडियो बर्स्ट्स’ (FRBs) से अलग हैं, क्योंकि FRBs मिलीसेकंड में खत्म हो जाते हैं, जबकि ये संकेत कई सेकंड तक चलते हैं और उनकी ऊर्जा भी कम होती है. वैज्ञानिकों ने इस बाइनरी सिस्टम का अध्ययन करने के लिए एक बड़े ऑप्टिकल टेलीस्कोप का उपयोग किया. शुरू में केवल एक तारा दिखाई दिया, लेकिन डेटा से पता चला कि यह एक लाल बौना तारा है, जो एक सफेद बौने तारे के गुरुत्वाकर्षण से प्रभावित होकर हिल रहा था.

सफेद बौने तारे मृत तारे होते हैं, जिन्होंने अपना ईंधन खत्म कर दिया है और केवल उनका गर्म, घना कोर बचा है. यह तारा इतना धुंधला है कि सामान्य टेलीस्कोप से दिखाई नहीं देता. वैज्ञानिकों का मानना है कि जब ये दोनों तारे एक-दूसरे के चारों ओर घूमते हैं, तो उनके चुंबकीय क्षेत्र आपस में टकराते हैं और रेडियो तरंगें पैदा करते हैं. ये तरंगें 1,600 साल बाद पृथ्वी पर पहुंचती हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खोज भविष्य में और रहस्यमयी रेडियो संकेतों को समझने में मदद करेगी. हो सकता है कि ऐसे और बाइनरी सिस्टम हों, जो इसी तरह के संकेत भेज रहे हों. यह शोध हमें आकाशगंगा में मौजूद ऊर्जा स्रोतों को समझने में भी मदद करेगा.

Share:

हिमाचल में मैजिक शो विवाद में बड़ा खुलासा, सुक्खू सरकार की तरह BJP सरकार ने भी जादूगरों से कमाई में मांगा था हिस्सा

Fri Mar 14 , 2025
हमीरपुर । हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में स्कूलों (Schools) में मैजिक शो (Magic Show) के दौरान जादूगर से कमाई का 30 फीसदी हिस्सा मांगने के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. सुक्खू सरकार (Sukhu Government) से पहले जयराम सरकार (Jairam Government) ने भी जादूगरों (magicians) से कमाई (Earnings) का हिस्सा मांगा था. 2018 की […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
शनिवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2025 Agnibaan , All Rights Reserved