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भारत के पड़ोसी हिंदू देश नेपाल में मुसलमानों की संख्‍या में हो रही वृद्धि, जानिए कहां से आकर बसे

  • February 08, 2025

    नई दिल्‍ली । इस्लाम (Islam) की शुरुआत 7वीं सदी में अरब में हुई थी. लेकिन अब यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है. इसके साथ ही इस्लाम इस समय दुनिया का सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म है. अमेरिका स्थित प्यू रिसर्च सेंटर का कहना है कि मुस्लिमों की आबादी बढ़ने का ट्रेंड यही रहा तो वो समय दूर नहीं है जब वो दुनिया में सबसे ज्यादा हो जाएंगे. उसका अनुमान है कि जितनी तेजी से मुस्लिम आबादी (Muslim population) बढ़ रही है उसके हिसाब से साल 2070 तक दुनिया में सबसे ज्यादा लोग इस्लाम धर्म को मानने वाले होंगे. नेपाल (Nepal) पहले हिंदू राष्ट्र था. राजशाही खत्म होने और लोकतंत्र के बहाल होने के बाद इसे धर्म निरपेक्ष देश घोषित कर दिया गया.

    अगर भारत के पड़ोसी हिंदू देश नेपाल की बात ती जाए तो नवीनतम जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में नेपाल में हिंदुओं और बौद्धों की आबादी में मामूली गिरावट आई है, जबकि मुसलमानों और ईसाइयों की आबादी में वृद्धि हुई है. इस्लाम नेपाल में तीसरा सबसे बड़ा धर्म है. नेपाल में 2021 में हुई जनगणना के अनुसार नेपाल में लगभग 15 लाख मुस्लिम रहते हैं, जो वहां की जनसंख्या का 5.09 फीसदी हैं. एक आंकड़े के अनुसार 2011 में नेपाल में मुस्लिम आबादी 4.39 प्रतिशत थी. यानी एक दशक में नेपाल में मुस्लिम आबादी में करीब 0.69 फीसदी इजाफा हुआ है.

    कौन हैं नेपाली मुसलमान
    जो नेपाल के रहने वाले मुसलमान हैं, उनके पूर्वज दक्षिण एशिया के विभिन्न हिस्सों से इस हिमालयी देश में आकर बसे थे. तब से वे संख्यात्मक रूप से बहुतायत में हिंदुओं और बौद्धों के बीच रह रहे हैं. नेपाल के अधिकांश मुसलमान जातीय रूप से नेपाली नहीं हैं. वे भारत में रह रही उत्तर प्रदेश और बिहार की मुस्लिम आबादी के समान हैं. वे समान संस्कृति साझा करते हैं और एक ही भाषा बोलते हैं. नेपाल की अधिकांश मुस्लिम आबादी तराई क्षेत्र में रहती है. जबकि शेष मुख्य तौर पर काठमांडू, गोरखा शहर और पश्चिमी पहाड़ियों में पाए जाते हैं. बड़ी मुस्लिम आबादी वाले जिलों में सरलाही (लगभग 10 फीसदी), रौतहाट (लगभग 18 फीसदी), बारा (लगभग 12 फीसदी) और परसा (लगभग 18 फीसदी) का नंबर आता है. इसके अलावा बांके, कपिलवस्तु, महोत्तरी और सुनसरी में भी अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है.


    कितने हैं हिंदू और बौद्ध
    नेपाल के केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा प्रकाशित 2021 की जनगणना रिपोर्ट में कहा गया है कि नेपाल में हिंदू धर्म प्रमुख धर्म है, जो कुल आबादी का 81.19 प्रतिशत है. रिपोर्ट के मुताबिक देश में हिंदू धर्म को मानने वाले करीब दो करोड़, 37 लाख लोग हैं. बौद्ध धर्म देश में दूसरा सबसे बड़ा धर्म है जिसके करीब 24 लाख अनुयायी हैं, जो नेपाल की कुल आबादी का 8.2 प्रतिशत है. इस्लाम को करीब 14,8300 लोग मानते हैं और यह कुल जनसंख्या का 5.09 प्रतिशत के साथ तीसरा सबसे अधिक माना जाने वाला धर्म है. रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले दशक में हिंदुओं और बौद्धों की जनसंख्या में मामूली गिरावट आई है, जबकि मुसलमानों, ईसाइयों और किरातों की जनसंख्या में वृद्धि हुई है. पिछले 10 वर्षों में हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म के अनुयायियों की संख्या में क्रमशः 0.11 प्रतिशत और 0.79 प्रतिशत की गिरावट आई है.

    ईसाई है पांचवां सबसे बड़ा धर्म
    आंकड़ों के अनुसार, इसी प्रकार, इस्लाम में 0.69, किरात में 0.17 और ईसाइयों की जनसंख्या में 0.36 प्रतिशत की वृद्धि हुई. 2011 की जनगणना के समय इस हिमालयी देश में 81.3 प्रतिशत हिंदू, 9 प्रतिशत बौद्ध, 4.39 प्रतिशत मुस्लिम, 3.1 प्रतिशत किरात और 0.1 प्रतिशत ईसाई थे. देश में पांचवां सबसे बड़ा धर्म ईसाई धर्म है, जिसके अनुयायी लगभग 5,12000 लोग या कुल जनसंख्या के 1.76 प्रतिशत हैं. जबकि स्वदेशी किरात धर्म 3.17 प्रतिशत अनुयायियों के साथ चौथा सबसे बड़ा धर्म है. नेपालियों द्वारा पालन किये जाने वाले दस धर्मों में से पांच छोटे धर्मों में प्रकृति, बोन, जैन, बहाई और सिख शामिल हैं.

    सबसे ज्यादा बोली जाती है नेपाली
    नेपाल में कुल 124 भाषाएं बोली जाती हैं, जिनमें से नेपाली 44 प्रतिशत आबादी द्वारा बोली जाती है. उसके बाद मैथली 11.05 प्रतिशत और भोजपुरी 6.24 प्रतिशत आबादी द्वारा बोली जाती है. इसी तरह थारू भाषा 5.88 प्रतिशत आबादी बोलती है जबकि तमांग भाषा 4.88 प्रतिशत आबादी बोलती है.

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