वॉशिंगटन. ईरान (Iran) पर दबाव बनाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति (US President) डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा अमेरिका को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से वापस लेने और फलस्तीनियों (Palestinians) के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRW) को हो रही फंडिंग में कटौती करने के आदेश पर भी हस्ताक्षर किए। ट्रंप ने कहा कि आदेश पर हस्ताक्षर करना उनके लिए काफी कठिन रहा। वे ऐसा नहीं करना चाहते थे। नया कार्यकारी आदेश ईरान के लिए बहुत कठोर होगा।
ट्रंप ने कहा कि उम्मीद है कि हमें इसका बहुत ज़्यादा इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा। आदेश के तहत ईरान के तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर अधिकतम आर्थिक दबाव बनाया जाएगा। ट्रंप का मानना है कि ईरान परमाणु हथियार प्राप्त करने के करीब पहुंच चुका है। इसलिए प्रतिबंध जरूरी हैं। अमेरिकी सांसद भी ईरान पर दबाव डालने पर जोर देते रहे हैं।
आदेश में सीनेटर लिंडसे ग्राहम, आरएससी और जॉन फेटरमैन, डी-पेनसिल्वेनिया के साथ-साथ सदन के सांसदों का भी उल्लेख किया गया है। इन सांसदों ने गुरुवार को एक प्रस्ताव पेश किया था। इसमें कहा गया था कि ईरान के परमाणु खतरे से निपटने के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए।
मई 2018 में ईरान परमाणु समझौते से ट्रंप से अलग कर लिया था। इसके बाद कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे। ओबामा प्रशासन के तहत 2015 के समझौते ने परमाणु कार्यक्रम पर सीमाओं के बदले में ईरान पर प्रतिबंध हटा दिए थे।
पिछले दिनों ट्रंप ने कहा था कि वह ईरान के साथ परमाणु समझौता कर सकते हैं। मंगलवार को डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हस्ताक्षरित अन्य कार्यकारी आदेशों में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से अमेरिका को बाहर निकालना और फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) के लिए धन में कटौती करना शामिल है।
सॉवरेन वेल्थ फंड (संप्रभु धन कोष) बनाने के दिए थे निर्देश
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक नए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इस आदेश में राष्ट्रपति ट्रंप ने एक सॉवरेन वेल्थ फंड (संप्रभु धन कोष) बनाने के निर्देश दिए हैं। ट्रंप का कहना है कि अगर कोई अमेरिकी खरीदार टिकटॉक को खरीदता है तो उससे होने वाले लाभ को इस फंड में रखा जा सकता है।
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