नई दिल्ली। अभी तक कोरोना और एचएमपीवी संक्रमण (Corona and HMPV infection) के चलते दुनिया भर में हाहाकार था। मगर अब एक और नया वायरस आने से हड़कंप मच गया है। इस वायरस का नाम मारबर्ग (Marburg) बताया जा रहा है, जिसकी वजह से तंजानिया में 8 लोगों की मौत हो गई है। इन मौतों के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने सतर्क हो गया है। डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को कहा कि उत्तरी तंजानिया के सुदूर हिस्से में संदिग्ध मारबर्ग के प्रकोप से आठ लोगों की मौत हो गई है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने एक बयान में कहा, “हमें तंजानिया में मारबर्ग वायरसे से संक्रमित 9 मामलों की जानकारी अब तक मिली है, जिनमें 8 लोगों की मौत हो चुकी है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार इबोला की तरह मारबर्ग वायरस फलों, चमगादड़ों से उत्पन्न होता है और संक्रमित व्यक्तियों के शारीरिक तरल पदार्थ या दूषित चादर जैसी सतहों के निकट संपर्क के माध्यम से अन्य लोगों के बीच फैलता है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार अगर उपचार नहीं कराया गया तो मारबर्ग के प्रकोप से बीमार पड़ने वाले 88 प्रतिशत लोगों के लिए यह घातक हो सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, दस्त, उल्टी और कुछ मामलों में अत्यधिक रक्त हानि से मौत होना भी शामिल है। फिलहाल मारबर्ग के लिए कोई अधिकृत उपचार या टीका या उपलब्ध नहीं है।डब्ल्यूएचओ ने कहा कि तंजानिया में संदिग्ध प्रकोप के लिए उसका जोखिम मूल्यांकन राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर अधिक है, लेकिन वैश्विक स्तर पर कम है। तंजानिया के स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई।
पहली बार 27 सितंबर को रवांडा में मारबर्ग का प्रकोप रिपोर्ट किया गया था। इसकी घोषणा 20 दिसंबर को की गई थी। रवांडा के अधिकारियों ने इसके प्रकोप से कुल 15 मौतों और 66 मामलों की सूचना दी थी। इनमें से अधिकांश प्रभावित मरीज वो स्वास्थ्यकर्मी थे, जिन्होंने पहले रोगियों की देखभाल की थी। रवांडा के साथ सीमा साझा करने वाले कागेरा के मारबर्ग में 2023 में फैलने से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई।
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