गर्भगृह के सामने गंदगी के कारण नहीं हो पाई सुबह की आरती
इंदौर। 25 हजार की रसीद काटकर एक लाख रुपए (One lakh rupees) वसूलने वाले माफी अधिकारी (Amnesty Officer) अब गोपाल मंदिर परिसर (Gopal Mandir Complex) को शादी (Marriage) के लिए किराए पर देकर जांच के घेरे में आ चुके हैं। जहां-तहां गंदगी छोड़ गए परिवार ने न केवल नियमों का उल्लंघन किया, बल्कि देर शाम तक शादी से जुड़ी सारी रस्में निभाईं और गर्भगृह के सामने ही जूठन छोड़ गए, जिसके कारण सुबह 9.30 बजे होने वाली आरती भी लेट हो गई। पुजारी से लेकर सफाईकर्मी तक गंदगी साफ करते रहे।
जिस परिसर में मंगल गीत गाए जा रहे थे, शादी समारोह का उल्लास था, वहां आज गंदगी पसरी है। कल हुए भव्य शादी समारोह के बाद आज भगवान गोपाल कचरे और गंदगी से घिरे हुए नजर आए। गर्भगृह के सामने से लेकर पूरे परिसर में जहां-तहां फूल-पत्तियां और जूठन पसरा रहा। सुबह से मंदिर के सफाईकर्मी से लेकर पुजारी तक गंदगी साफ करने में जुटे रहे, जिसके चलते सुबह 7.30 बजे होने वाली मंगला आरती और 9.30 बजे होने वाली बाल भोग व शृंगार आरती देरी से हो सकी। पुजारी बालकृष्ण ने बताया कि शादी समारोह के नाम पर मर्यादाओं का उल्लंघन हुआ है। सफाईकर्मी ज्योति चौहान के अनुसार पूरे परिसर में जूठन बिखेर रखा है। सुबह से सफाई करने में जुटे हंै। निगम कर्मचारियों ने भी ध्यान नहीं दिया। ये कैसी खुशी, जो भगवान को ही नाराज कर दे। रात को 9 बजे तक विदाई का कार्यक्रम हो रहा था। मेहमान जूते-चप्पल पहनकर भगवान का अपमान कर रहे थे। रात 2 बजे तक सामान समेटना चलता रहा।
आश्चर्य… रिटायर्ड अधिकारी को बना डाला मैनेजर
सालों पहले रिटायर हो चुके कर्मचारियों के हवाले गोपाल मंदिर जैसी पुरातात्विक धरोहरों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसका खामियाजा यह भुगतना पड़ रहा है कि धरोहर अब निजी हाथों में अव्यवस्थाओं का शिकार हो रही है। उक्त परिसर के मैनेजर कौशल के अनुसार परिसर में लिखा-पढ़ी और देखरेख के लिए तैनात किए गए सभी कर्मचारी रिटायर्ड हैं। कमिश्नर किस मद में वेतन का भुगतान करते हैं उसकी जानकारी उन्हें नहीं है। वहीं चौकीदार भी निजी ठेके पर तैनात किए गए हैं। आश्चर्य की बात है कि पुरातत्व धरोहर किस आधार पर इनके जिम्मे सौंपी गई, किसी को जानकारी नहीं है।
ये कैसा स्मार्ट सिटी का संरक्षण…अब होगी जांच
अग्निबाण द्वारा संज्ञान में लाए जाने के बावजूद जिला प्रशासन सहित माफी अधिकारी भी उक्त शादी को नहीं रोक सके। पंडित और अधिकारी कहते रहे कि हमने सिर्फ भोग लगाने की अनुमति दी है, शादी की नहीं, लेकिन रात 9 बजे तक उक्त आयोजन की रस्में निभाई जाती रहीं। दुल्हन की विदाई के साथ मेहमान और आयोजनकर्ता तो रवाना हो गए, लेकिन अपने पीछे इतनी गंदगी छोड़ गए कि स्मार्ट सिटी के संरक्षण का दावा भी शरमा गया। जहां बड़ी-बड़ी रैलियों और आयोजन में नगर निगम गंदगी के साथ ही तुरंत सफाई का दिखावा करता है, वह दावा भी झूठा साबित हुआ। भोग लगाने के नाम पर परिसर में जूठन छोड़ा गया, जो आज सुबह तक जस का तस पड़ा दिखाई दिया। हालांकि कमिश्नर दीपक सिंह ने उक्त आयोजन को लेकर जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं। वहीं कलेक्टर ने अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी है। दोषियों पर गाज गिरना तय है।
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