वाशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) ने रविवार को तालिबान द्वारा अफगानिस्तान (Afghanistan) में बंधक बनाए गए तीन अमेरिकियों के रिश्तेदारों से कॉल पर बात की। अमेरिकी सरकार बंधकों को वापस लाना चाहती है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्हें वापस लाने का सौदा, जो अभी चल रहा है, अगले सप्ताह बाइडन के पद छोड़ने से पहले पूरा हो पाएगा या नहीं।
बाइडन ने रयान कॉर्बेट, जॉर्ज ग्लीजमैन और महमूद हबीबी के पारिवारिक सदस्यों से बात की। ये सभी तालिबान द्वारा बंधक बनाए गए हैं, और अमेरिकी सरकार इनकी रिहाई के लिए एक सौदा करने की कोशिश कर रही है। यह सौदा ग्वांतानामो बे में बंद मुहम्मद रहीम के बदले इन अमेरिकियों को वापस लाने का है।
तालिबान ने हबीबी के होने से इनकार किया
संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) ने कहा कि हबीबी और उसके ड्राइवर को कंपनी के 29 अन्य कर्मचारियों के साथ ले जाया गया था, लेकिन हबीबी और अन्य व्यक्ति को छोड़कर सभी को रिहा कर दिया गया है। वहीं, तालिबान ने हबीबी के होने से इनकार किया है, जिससे अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत में मुश्किलें आ रही हैं।
हबीबी के भाई अहमद हबीबी के बयान के अनुसार, राष्ट्रपति बाइडन ने रविवार (स्थानीय समयानुसार) को कॉल पर बंधकों के परिवारों से कहा कि वह रहीम को तब तक नहीं छोड़ेंगे, जब तक तालिबान हबीबी को रिहा नहीं करता।
कॉर्बेट के रिश्तेदारों के वकील रयान फेही ने कहा कि परिवार बाइडन के कॉल के लिए आभारी है, लेकिन उन्होंने बाइडन से सौदे पर तेजी से कार्रवाई करने का भी आग्रह किया।
अगर 20 जनवरी से पहले कोई सौदा नहीं होता है, तो अगली बातचीत नए ट्रंप प्रशासन पर होगी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ग्वांतानामो बंदी को रिहा करने के मामले में अधिकारी कोई अलग दृष्टिकोण अपनाएंगे या नहीं, जिसे अमेरिकी सरकार ने खतरा माना है। ग्वांतानामो में अभी केवल 15 लोग रह गए हैं, जबकि पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के समय यह संख्या लगभग 800 थी।
रहीम पर कभी कोई आरोप नहीं लगाया गया
अमेरिका ने रहीम को ओसामा बिन लादेन और अन्य वरिष्ठ अल-कायदा के लोगों का प्रत्यक्ष सलाहकार, संदेशवाहक और संचालक बताया है। हालांकि, ग्वांतानामो में 17 वर्षों के दौरान रहीम पर कभी कोई आरोप नहीं लगाया गया। रहीम के वकील जेम्स कॉनेल ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग को बताया कि रहीम को अमेरिका द्वारा ‘व्यवस्थित रूप से चुप कराया जा रहा है।’
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