नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनाव(Delhi Assembly Election) में जीत हासिल करके क्या लगातार चौथी बार आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सरकार बनाएगी (will form the government)या फिर 27 सालों से इंतजार कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जनता मौका देगी। दिल्ली विधानसभा चुनाव पर आए पहले सर्वे में जो भविष्यवाणी की गई है वह ‘आप’ की चिंता बढ़ा सकती है तो भाजपा के लिए खुशखबरी है। तीन फैक्टर्स पर किए गए सर्वे में दो में भाजपा सत्ता के बेहद करीब या बहुमत से आगे दिख रही है।
‘आप’ और भाजपा के बीच बेहद करीबी मुकाबले की भविष्यवाणी की गई है। पिछले दो विधानसभा चुनावों में 70 में से 67 और फिर 62 सीटें जीतने वाली अरविंद केजरीवाल की पार्टी को इस बार भारी नुकसान होता दिख रहा है। सर्वे में महिला वोटर्स को किए गए वादे और मुफ्त की सुविधाओं को फैक्टर बनाते हुए तीन परिस्थियों को भांपने की कोशिश की गई है। इनमें से दो में आप की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
सर्वे में दिखाया गया है कि यदि भाजपा महिला वोटर्स और मुफ्त के वादों पर केजरीवाल की तरह दांव नहीं लगाती है तो ‘आप’ आसानी से जीत दर्ज कर लेगी। लेकिन यदि आप की तरह भाजपा ने भी मुफ्त और लाडली बहना जैसी स्कीम का ऐलान किया, जोकि लगभग तय है, तो मुकाबाला बेहद करीबी रहेगा। वहीं, सर्वे में यह भी भविष्यवाणी की गई है कि कांग्रेस ने अपने वादों पर जोर दिया और 7 फीसदी से अधिक वोट हासिल किए तो भाजपा को इसका सीधा फायदा होगा और भगवा दल सरकार बना सकती है।
सिर्फ आप ने किए मुफ्त वाले वादे तो क्या होगा
भाजपा ने अभी महिलाओं के लिए सहायता राशि का आधिकारिक तौर पर वादा नहीं किया है, जबकि आम आदमी पार्टी ने चुनाव बाद मासिक 2100 रुपए देने का ऐलान किया है। टाइम्स नाउ जेवीसी पोल के मुताबिक इस परिस्थिति में आम आदमी पार्टी को 55 फीसदी महिला वोट मिल सकते हैं। वहीं, भाजपा को 39 फीसदी, कांग्रेस को 5 फीसदी और अन्य को एक फीसदी महिला वोटर्स का साथ मिल सकता है। इस परिस्थिति में आम आदमी पार्टी को महिला और पुरुष वोटर्स से करीब 51.30 लाख वोट (51.20) फीसदी वोट मिल सकते हैं। वहीं, भाजपा को 40.63 फीसदी वोट के साथ 40.70 लाख वोट हासिल हो सकते हैं। कांग्रेस को 6.62 फीसदी और अन्य को 1.54 फीसदी वोट ही मिल सकते हैं। सीटों की बात करें तो आम आदमी पार्टी को 56-60 सीटें मिल सकती हैं, जबकि भाजपा 10-14 पर सिमट सकती है। वहीं कांग्रेस का खाता खुलता नहीं दिख रहा है।
हालांकि, इस परिस्थित की संभावना कम है, क्योंकि भाजपा पहले ही इशारा कर चुकी है कि वह जहां दिल्ली में पहले जारी मुफ्त की योजनाओं को चालू रखेगी तो महिलाओं के लिए भी सहायता राशि की घोषणा की जाएगी। इसके अलावा पार्टी 300 यूनिट मुफ्त बिजली जैसे वादे भी कर सकती है।
भाजपा के मुफ्त वाले फैक्टर के बाद क्या अनुमान
सर्वे में कहा गया है कि यदि भाजपा भी महिलाओं के लिए लाडली बहना जैसी स्कीम और मुफ्त वाले वादे लेकर आती है तो उसे 45 फीसदी महिला वोटर्स का साथ मिल सकता है, जबकि पहले ही रजिस्ट्रेशन कर चुकी आम आदमी पार्टी को 50 फीसदी महिला वोटर्स पसंद करेंगी। कांग्रेस को 4 और अन्य को एक फीसदी वोट मिलने की संभावना है। इस परिस्थिति में महिला और पुरुष वोटर्स के कुल 47.37 लाख (47.29 फीसदी) वोट आम आदमी को मिल सकते हैं। भाजपा को 45.05 लाख (44.99 फीसदी) वोट मिल सकते हैं। कांग्रेस को 6.16 और अन्य को 1.54 फीसदी वोट मिलने की संभावना है।
तीसरी परिस्थिति में जीत सकती है भाजपा
यदि कांग्रेस 2500 रुपए वाली प्यारी दीदी स्कीम के वादे और अन्य मुफ्त के वादों को अधिक प्रचारित करती है तो इस परिस्थिति में आप को बड़े नुकसान और भाजपा को बड़े फायदे का अनुमान लगाया गया है। सर्वे में कहा गया है कि यदि कांग्रेस का ‘रेवड़ी कार्ड’ जनता के बीच ठीक से प्रचारित होता है तो आप को 44.74 फीसदी वोट हासिल होंगे और भाजपा 46.16 फीसदी वोट के साथ आगे निकल सकती है। कांग्रेस को 7.5 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है। ऐसी परिस्थिति में आम आदमी पार्टी बहुमत से नीचे खिसक सकती है। अरविंद केजरीवाल की पार्टी को 27 से 33 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, भाजपा 37-41 सीटें जीतकर सरकार बना सकती है, जबकि कांग्रेस तब भी 0-2 सीटों पर ही सिमट सकती है।
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