इंदौर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार के इंदौर (Indore) स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Devi Ahilya Vishwavidyalaya) ने शुक्रवार (10 जनवरी) को एक अहम प्रस्ताव पारित किया कि वह देश (Country) के नाम के तौर पर हिन्दी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में केवल ‘भारत’ (Bharat) शब्द का इस्तेमाल करेगा.
डीएवीवी के कुलगुरु डॉक्टर राकेश सिंघई ने बताया कि कार्य परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि विश्वविद्यालय अपने सभी दस्तावेजों, उपाधियों, अंकसूचियों, देश-विदेश में होने वाले पत्र व्यवहार और रोजमर्रा के कामकाज में केवल ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल करेगा.
राकेश सिंघई ने कहा, यह प्रस्ताव ‘एक राष्ट्र, एक नाम-भारत’ की अवधारणा के तहत डीएवीवी की कार्य परिषद के एक सदस्य ने पेश किया जिसे ताली बजाकर पारित किया गया. उन्होंने कहा, डीएवीवी इस तरह का प्रस्ताव पारित करने वाला संभवतः देश का पहला विश्वविद्यालय है. राज्य सरकार के 1964 में स्थापित विश्वविद्यालय के कुलगुरु ने कहा, ‘प्राचीन काल से हमारे देश का नाम भारत ही चला आ रहा है.
उन्होंने कहा, देश को ‘इंडिया’ नाम अंग्रेजों ने उनकी सुविधा के अनुसार दिया था. हमें हर जगह अपने देश का मूल नाम भारत ही इस्तेमाल करना चाहिए. सिंघई ने बताया कि वह अपने विजिटिंग कार्ड पर हिन्दी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में देश के नाम के तौर पर ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल लंबे समय से करते आ रहे हैं.
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