कनाडा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लगभग एक दशक लंबे शासन के बाद उन्होंने सोमवार (6 जनवरी) को इस्तीफा दे दिया. इसकी वजह से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज गई है. उनके उत्तराधिकारी की चर्चा होने लगी है. कनाडा के अगले प्रधानमंत्री की रेस में अनीता आनंद, क्रिस्टिया फ्रीलैंड और मार्क कार्नी जैसे प्रमुख नाम सामने आ रहे हैं. इनमें से भारतीय मूल की नेता अनीता आनंद अपने प्रभावशाली शासन और सार्वजनिक सेवा के अच्छे रिकॉर्ड के कारण सबसे मजबूत दावेदारों में एक मानी जा रही हैं. अगर अनीता आनंद कनाडा की पीएम बनती है तो उम्मीद की जा सकती है कि कनाडा के रिश्ते भारत के साथ फिर से अच्छे हो सकते हैं, जो ट्रूडो के वक्त अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई.
कनाडा में भारतीय मूल के लोगों की अच्छी-खासी तादाद है. इस वजह से किसी भारतीय मूल के व्यक्ति का पीएम बनना इंडिया के लिए अच्छे संकेत दे सकता है. इससे पहले ट्रूडो के शासनकाल में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का झूठा आरोप भारत पर लगा दिया गया था, जिसके बाद दोनों देश के रिश्ते खराब हो गए. कनाडाई सरकार ने इस संबंध में कोई ठोस सबूत भी पेश नहीं किए. नतीजा ये हुआ कि पार्टी के अंदर ही ट्रूडो के रिश्ते अन्य नेताओं के साथ खराब होते चले गए. कई लोगों ने उनकी इस्तीफे की मांग कर दी.
लिबरल पार्टी के भीतर अगले प्रधानमंत्री को लेकर दावेदारी की दौड़ तेज हो गई है. इसको ध्यान में रखते हुए संसद के सत्र को 27 जनवरी से 24 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है, ताकि लिबरल पार्टी के पास अपने नए नेता का चुनाव करने का समय मिल सके. इस दौरान विपक्षी दलों ने भी लिबरल पार्टी को चुनौती देने की तैयारी शुरू कर दी है, जिससे नए नेता के चुने जाने के बाद चुनाव की संभावना बन रही है. इन सब के बीच बीबीसी की तरफ से भारतीय मूल की नेता अनीता आनंद को उन 5 उम्मीदवारों में गिना गया है, जो जस्टिन ट्रूडो की जगह ले सकते हैं.
भारतीय मूल की अनीता आनंद को बीबीसी ने उन शीर्ष पांच उम्मीदवारों में गिना गया है, जो जस्टिन ट्रूडो की जगह ले सकते हैं. 57 वर्षीय अनीता आनंद मौजूदा वक्त में देश की परिवहन और आंतरिक मंत्री के रूप में कार्यरत हैं. अपनी शैक्षणिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण वह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्ती के रूप में उभरी हैं. अनीता आनंद ने क्वीन्स यूनिवर्सिटी से राजनीतिक अध्ययन में स्नातक, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से न्यायशास्त्र में स्नातक, डलहौजी और टोरंटो विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की पढ़ाई की है. इसके अलावा, उन्होंने येल, क्वीन्स यूनिवर्सिटी और वेस्टर्न यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाया है. राजनीति में प्रवेश करने से पहले वह टोरंटो विश्वविद्यालय में विधि की प्रोफेसर थीं.
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