बैतूल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul) में बैंक गबन (Bank Embezzlement) के एक मामले में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर नमन ओझा (International cricketer Naman Ojha) के पिता विनय ओझा (Vinay Ojha) को मंगलवार को 7 साल की जेल ओर 14 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई। इस मामले में मुलताई के अपर सत्र न्यायालय (Additional Sessions Court) ने 3 अन्य आरोपियों को भी 7-7 साल जेल की सजा सुनाई। क्रिकेटर के पिता को यह सजा किसान क्रेडिट कार्ड से लोन निकालकर रकम निजी खातो में ट्रांसफर करने के आरोप में हुई है।
मामला 11 साल पुराना बैंक ऑफ महाराष्ट्र का है। जब साल 2013 में बैतूल की जौलखेड़ा ब्रांच में मैनेजर रहे विनय कुमार ओझा पर सवा करोड़ रुपए गबन करने का आरोप लगा था। इसके एक साल बाद यानी साल 2014 में उन पर धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में FIR दर्ज कर ली गई थी। केस दर्ज होने के बाद से वे करीब 8 साल तक फरार रहे। इसके बाद पुलिस ने दो साल पहले साल 2022 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
मामले के बाकी तीन आरोपियों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी थी। चारों आरोपी फिलहाल जमानत पर बाहर थे। कोर्ट का फैसला आने के बाद मंगलवार को सभी आरोपियों को मुलताई जेल भेज दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुल चार आरोपियों ने मिलकर फर्जी किसान क्रेडिट कार्ड केसीसी खाते खुलवाकर इसमें लोन ट्रांसफर कर रुपए निकाल लिए थे। जिस समय यह गबन हुआ तब नमन के पिता बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा ब्रांच में मैनेजर थे। कोर्ट ने इस मामले में बैंक की मुलताई ब्रांच के मैनेजर अभिषेक रत्नम और दो अन्य आरोपियों धनराज और लखनलाल पवार को भी 7-7 साल की सजा सुनाई।
बताया जा रहा है कि साल 2013 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में बैंक मैनेजर के पद पर अभिषेक रत्नम पदस्थ थे। अभिषेक ने पदस्थ होने के दौरान साजिश रची और उनका तबादला होने के बाद सफाई कर्मी और अन्य के साथ मिलकर रविवार 2 जून 2013 को लगभग 34 फर्जी खाते खुलवाकर इन पर केसीसी का लोन ट्रांसफर कर लगभग सवा करोड़ रुपए का आहरण कर लिया।
मामले में शामिल आरोपियों पर पुलिस ने धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी, 34 और आईटी एक्ट की धारा 65,66 के तहत केस दर्ज किया था। जिसके बाद मंगलवार को उन्हें मुलताई के अपर सत्र न्यायालय ने सजा सुनाई।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved