डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर (Baba Saheb Bhimrao Ambedkar) पर दिए गए बयान को लेकर सियासी बवाल जारी है. कांग्रेस की नेता सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinet) ने इंदौर में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया. उन्होंने गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) और आईटी मंत्रालय पर गंभीर आरोप लगाए. श्रीनेत ने दावा किया कि दोनों ने सोशल मीडिया कंपनियों को पत्र लिखकर अमित शाह के विवादित बयान वाला वीडियो हटाने की मांग की है, लेकिन सभी सोशल मीडिया कंपनियों ने बयान हटाने से मना कर दिया है.
उन्होंने संसद भवन में बीजेपी सांसदों से धक्का-मुक्की किए जाने के मामले में सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग की. कांग्रेस की नेता ने कहा कि बीजेपी सिर्फ दिखावा कर रही है. उन्होंने अमित शाह के बयान को पत्रकारों को सुनाते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स से मेल मिलने की जानकारी दी. श्रीनेत के मुताबिक मेल में बताया गया कि गृह मंत्रालय और आईटी मंत्रालय ने चिट्ठी भेजी है. चिट्ठी में कानून के हवाले से वीडियो को हटाने की अपील की गई.
सुप्रिया श्रीनेत सवाल उठाया कि ऐसा कौन सा कानून वीडियो के संबंध में उल्लंघन कर रहा है. जबकि जो कुछ भी अमित शाह ने कहा, वही राज्यसभा की उनकी स्पीच में था. कांग्रेस की नेता के मुताबिक अमित शाह ने राज्यसभा की स्पीच में खुद कहा था कि आजकल एक फैशन हो गया है, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अगर भगवान का नाम इतने बार लिया होता तो स्वर्ग मिल जाता. इस बयान में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. इसे जैसा था, वैसा ही प्रस्तुत किया गया है.
कांग्रेस नेत्री ने कहा कि अमित शाह को अब इस बात का जवाब देना है कि ऐसा अपराध करने के बाद भी माफी क्यों नहीं मांग रहे हैं, इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं. श्रीनेत ने कहा कि अंबेडकर विवाद की लड़ाई कांग्रेस सदन से लेकर सड़क तक लड़ेगी. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को कांग्रेस जनता के बीच भी ले जायेगी. उन्होंने कहा कि अमित शाह का भाषण पेज नंबर 344 पर है. बयान को क्या तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. हमने उनके बयान को जस का तस सुनाया है, जो बात उन्होंने संसद में कही है.
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