इंदौर। पिछले कई महीनों से विदेशों में चल रहे युद्ध (war) का असर अब सारी दुनिया के अलावा इंदौर (Indore) के पर्यावरण सहित यहां के देशी – विदेशी प्रजातियों के पक्षियों पर नजर आने लगा है। इस बार दिसंबर में इंदौर में मौजूद वेटलैंड (Wetland) सहित नेचर स्पॉट (Nature Spot) पर विदेशी प्रजाति (Exotic species) के मेहमान पक्षियों (birds) की संख्या में कमी आई है। जिन देशी-विदेशी पक्षियों की प्रजाति संकट में नजर आ रही हैं उनमें यह खास प्रजातियां सुर्खाब, बत्तख और वेडर जलचर शामिल हैं।
यह हैरान कर देने वाला खुलासा इंदौर जिले में की जा रही देशी-विदेशी प्रजाति वाले पक्षियों की गणना वाले सर्वेक्षण परिणामों के विश्लेषण और समीक्षा से हुआ है। इंदौर बड्र्स वॉचर संस्था के नेचर्स लवर्स अजय गडिकर ने बताया कि लगभग 2 ढाई सालों से रूस-यूक्रेन, इजराइल-फिलिस्तीन-लेबनान- सीरिया में जारी जंग में हमलों के दौरान विस्फोटक बम और रासायनिक जहरीली मिसाइलों का इस्तेमाल न सिर्फ ग्लोबल वार्मिंग, बल्कि पर्यावरण के प्रहरी प्रवासी-अप्रवासी पक्षियों सहित अन्य वन्य जीवों के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है।
लगातार 2 साल के सर्वेक्षण से हुआ खुलासा
हाल ही में 22 दिसंबर को सूर्योदय से लेकर दोपहर 12 बजे तक शहर और आसपास के 13 प्राकृतिक स्थलों पर देशी-विदेशी पक्षियों की प्रजाति की गणना की गई। यह सर्वेक्षण आसपास लगभग 8 तालाबों सहित उनके बैक वाटर के पास वाली वेटलैंड, यानी दलदल जैसी गीली जमीन, पहाड़ी और रेसीडेंसी एरिया में पीटीसी कैंप जैसे नेचर स्पॉट पर किया गया।
इस बार 165 प्रजाति के ही पक्षी मिले
सर्वेक्षण और गणना अभियान के दौरान इन लेक वेटलैंड और नेचर स्पॉट्स पर 165 प्रजातियों के पक्षी पाए गए। जिन 13 प्राकृतिक स्थलों पर इतनी प्रजाति वाले पक्षी मिले वह यह हैं- यशवंत सागर गुलावट में 55,चौहानखेड़ी 65, रेसीडेंसी एरिया 44, तलावली चांदा 42, बिलावली तालाब 55, बुरानाखेड़ी 48, कजलीगढ़ 45, सिरपुर तालाब 55, मांचल 59, रालामंडल में 45, उमरीखेड़ा 50, महू 61, बड़ौदा दौलत में 44 प्रजाति के पक्षी पाए गए।
पिछले साल 172 प्रजाति के पक्षी मिले थे
इंदौर बर्ड वॉचर संस्था के रिकार्ड के मुताबिक वैसे तो इंदौर सहित जिले में 267 प्रजाति के पक्षी मौजूद हैं, मगर सर्वेक्षण में कुल 165 प्रजाति के पक्षी पाए गए हैं, जबकि पिछले साल दिसंबर में हुई गणना में कुल 172 प्रजाति के पक्षी पाए गए थे। यानी इस बार 5 प्रजाति के पक्षी लापता पाए गए।
इन विदेशी मेहमानों की प्रजातियां हुईं कम
पिछली साल की अपेक्षा इस साल दिसंबर में जिन विदेशी मेहमान पक्षियों की प्रजातियां कम नजर आईं, उनमें सुर्खाब, फेरीजीनस डक, पिनटेल, शोवलर, गार्गेनि, गढ़वाल, सेंड पाइपर शामिल हैं। वाइल्ड वॉरियर्स की मानें तो पिछले सालों से कुछ देशों की आपसी जंग का असर प्रवासी पक्षियों की विदेशी उड़ानों पर पड़ रहा है।
इन देशी प्रजाति पर भी मंडरा रहा है संकट
पर्यावरणप्रेमियों के अनुसार विदेशी मेहमान पक्षियों के अलावा जिन देशी प्रजाति के पक्षियों की संख्या कम हो रही है, उनमें बत्तख, तीतर, बटेर, कॉम डक के अलावा वेडर, यानी कीड़े खाने वाले जलचरों की कई प्रजातियां हैं। नि:संदेह यह पर्यावरण के लिए अशुभ संकेत है।
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