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MP का धनकुबेर कांस्टेबल’ की पत्नी से भी होगी पूछताछ, खुलेंगे लॉकर

December 24, 2024

भोपाल। मध्य प्रदेश परिवहन विभाग (Madhya Pradesh Transport Department) के रिटायर्ड कांस्टेबल सौरभ शर्मा (Retired constable Saurabh Sharma) के ठिकानों पर करोड़ों रुपयों की नकदी और अन्य सामान मिलने से संबंधित मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है। साथ ही पूछताछ के लिए सौरभ की पत्नी और मां को समन जारी किया गया है।

लोकायुक्त के महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने सोमवार शाम को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सौरभ शर्मा के ठिकानों पर 19 और 20 दिसंबर को छापे की कार्रवाई की गई। इसमें दो करोड़ 85 लाख रुपये नकद और करोड़ों रुपयों की चल अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और सामान मिला है। इन सभी को जब्त कर मामला विवेचना में लिया गया है। लोकायुक्त में पदस्थ उप अधीक्षक वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है। यह समिति पूरे मामले की जांच करेगी। बैंक खातों के विवरण के संबंध में संबंधित बैंकों से जानकारी ली जाएगी।

प्रसाद ने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा है। इसके अलावा सह आरोपी के रूप में चेतन सिंह गौड़ और शरद जायसवाल का नाम भी सामने आया है। चेतन और शरद के अलावा सौरभ की पत्नी और मां को भी पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी सौरभ की लोकेशन का पता लगाया जा रहा है। वह जहां कहीं भी होगा उसे लोकायुक्त पुलिस गिरफ्तार अवश्य करेगी।

छापों के दौरान कथित तौर पर भोपाल के पास मेंडोरी के जंगल में सौरभ शर्मा के सहयोगी चेतन गौड़ की एक कार से 52 किलोग्राम सोना और लगभग दस करोड़ रुपए नकद मिला था। आयकर विभाग द्वारा जब्त की गई इस संपत्ति के सवाल पर प्रसाद ने कहा कि लोकायुक्त इस संबंध में आयकर विभाग के साथ संपर्क में है। उनसे जो भी जानकारी मिलेगी, उसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।



लोकायुक्त महानिदेशक ने कहा कि सौरभ शर्मा के खिलाफ 17 दिसंबर को शिकायत प्राप्त हुई थी। अगले दिन 18 दिसंबर को अदालत से सर्च वारंट हासिल करने के बाद 19 दिसंबर की सुबह सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित घर और कार्यालय में छापेमारी शुरू की गई जो अगले दिन 20 दिसंबर तक चली। छापे के दौरान सौरभ शर्मा घर पर नहीं मिला। उसे गिरफ्त में लेने के प्रयास जारी हैं।

इस मामले के मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा के पिता डॉ आर के शर्मा ग्वालियर जिले में सरकारी चिकित्सक थे। उनके निधन के बाद सौरभ को वर्ष 2016 में परिवहन विभाग में कांस्टेबल के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। हाल ही में उसने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और अपना कारोबार प्रारंभ कर दिया था। छापे में अब तक जो जानकारियां सामने आई हैं, वे बेहद चौंकाने वाली हैं। माना जा रहा है कि सौरभ के पास से मिला ‘काला धन’ परिवहन विभाग से अवैध रूप से कमाया गया है।

आयकर विभाग ने भी इन दिनों रियल एस्टेट और अन्य व्यापारों से जुड़े एक बड़े कारोबारी राजेश शर्मा और उसके सहयोगियों के खिलाफ भी भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में छापे की कार्रवाई की है। चार पांच दिनों की इस कार्रवाई के दौरान लगभग 52 ठिकानों से दस करोड़ रुपए नकद, सोने चांदी के गहने और अरबों रुपयों के निवेश संबंधी जानकारी सामने आई है। आयकर विभाग और प्रदेश की लोकायुक्त पुलिस इन दोनों मामलों के कथित कनेक्शन को लेकर भी नजरें लगाए हुए हैं। राजेश शर्मा के संरक्षक के तौर पर राज्य के एक पूर्व वरिष्ठ नौकरशाह का नाम आ रहा है, जो अब रिटायर हो चुके हैं।

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