नई दिल्ली । क्रिसमस (Christmas) और नए साल (New Year 2025) के जश्न की तैयारियां शुरू हो गई हैं. छुट्टियों में लोग परिवार समेत गोवा (Goa), शिमला (Shimla) या मनाली (Manali) समेत अन्य हॉलिडे डेस्टिनेशंस (Holiday Destinations) पर पहुंच रहे हैं. इस बीच एक स्टार्टअप के सीईओ ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा है कि भारत में Holiday Destinations तेजी से महंगे हो रहे हैं. हालात ये है कि यहां का शिमला (Shimla) यूरोपीय देश जॉर्जिया (Georgia) से भी महंगा है. उनका ये पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है और यूजर्स भी खाने-पीने के सामानों से लेकर हॉस्पिटैलिटी सेक्टर्स में बढ़ती लागत के आंकड़े गिना रहे हैं.
Goa अकेला महंगा डेस्टिनेशन नहीं
गोवा (Goa) भले ही अपनी बढ़ती लागतों के लिए लगातार आलोचनाओं का शिकार हो रहा हो, लेकिन देश के अन्य हॉलिडे डेस्टिनेशंस का हाल भी कुछ ऐसा ही है. स्टार्टअप विजडम हैच (Wisdom Hatch) के फाउंडर अक्षत श्रीवास्तव का तर्क है कि यह समस्या पूरे भारत में गहरी होती जा रही है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media) ट्विटर (अब X) पर एक्स पर एक पोस्ट के जरिए उन्होंने कहा कि कई भारतीय हॉलिडे डेस्टिनेशन तेजी रफ्तार से महंगे हो गए हैं.
दुबई से महंगा हुआ मुंबई
अपने एक्स पोस्ट में श्रीवास्तव ने लिखा, ‘मनाली, शिमला जाएं, तो यह जॉर्जिया से ज्यादा महंगा है. मुंबई जाएं, तो यह दुबई से ज्यादा महंगा है. भारत में अधिकतर खास हॉलिडे डेस्टिनेशन बहुत महंगे हो चुके हैं.’ अपनी इस पोस्ट में उन्होंने इन डेस्टिनेशंस के महंगे होने के पीछे की वजह का भी जिक्र किया और लिखा कि हमारे यहां रियल एस्टेट की कीमतें बहुत अधिक हैं और इसके कम होने की संभावना नहीं है. रियल एस्टेट की हाई कॉस्ट ने भारत के टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर्स पर व्यापक प्रभाव डाला है.
पोस्ट पर यूजर्स भी दे रहे प्रतिक्रियाएं
स्टार्टअप सीईओ की इस पोस्ट पर ट्विटर यूजर्स अपने-अपने हिसाब से प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. एस यूजर ने इन डेस्टिनेशंस पर आसमान छूती प्रॉपर्टी की कीमतों के प्रभाव को संक्षेप में समझाते हुए कहा कि एयरपोर्ट पर चाय 400 रुपये में, मॉल में पिज्जा 1,000 रुपये में, एयरपोर्ट पर पार्किंग 150 रुपये प्रति घंटे में और 3 BHK की कीमत 100 करोड़ रुपये तक है. इस पर श्रीवास्तव ने कहा कि बजट गेस्टहाउस से लेकर लग्जरी रिसॉर्ट तक, पर्यटकों के ठहरने के लिए जगह की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, क्योंकि प्रॉपर्टी के मालिक अपने निवेश या किराए की वसूली करने में लगे हैं.
टूरिस्टों को करनी पड़ रही ज्यादा जेब ढीली
भारतीय हॉलिडे डेस्टिनेशंस पर टूरिस्टों के आकर्षण के केंद्र में रेस्तरां, दुकानें और मनोरंजन स्थल भी उच्च परिचालन लागत का सामना कर रहे हैं, जिससे उपभोक्ता कीमतें बढ़ जाती हैं और यहां आने वालों को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ती है. बिजनेस टुडे पर छपी इस रिपोर्ट में आंकड़ों के साथ पर्यटक और गैर-पर्यटक क्षेत्रों में संपत्ति की कीमतों के बीच स्पष्ट अंतर उजागर किया गया है. इसमें बताया गया है कि पर्यटन स्थलों में प्रॉपर्टी की औसतन कीमत 21,600 रुपये प्रति वर्ग फुट है, जबकि गैर-पर्यटक क्षेत्रों में यही 8,500 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से मिल रही है यानी इसमें सीधे 150% से अधिक का अंतर है.
1 ट्रिलियन डॉलर का होगा रियल एस्टेट सेक्टर
अयोध्या (Ayodhya) जैसी जगहों में, प्रॉपर्टी की कीमतें कुछ ही सालों में दस गुना बढ़ गई हैं, जबकि बेंगलुरु और हैदराबाद में 2019 से कुछ इलाकों में लगभग 90% का उछाल देखने को मिला है. कोलियर्स के अनुसार, भारत का रियल एस्टेट सेक्टर तेजी से बढ़ने वाला है, जिसके 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ, काम की बदलती प्राथमिकताएं और टूरिज्म की बढ़ती डिमांड के कारण ये विस्तार देखने को मिल रहा है.
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