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पनामा नहर पर कब्जे की धमकी क्यों दे रहे हैं ट्रंप? छोटे से देश के राष्ट्रपति को जारी करना पड़ा बयान

December 23, 2024

नई दिल्ली. अमेरिका (America) के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (donald trump) ने पनामा नहर (Panama Canal) को लेकर एक बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि पनामा से होकर गुजरने वाले अमेरिकी जहाजों (Ships) से अनुचित शुल्क वसूला जा रहा है, जिसे देखकर लगता है कि अब इसका नियंत्रण वापस अमेरिका को अपने हाथ में ले लेना चाहिए. लेकिन ट्रंप के इस बयान के बाद अब पनामा के राष्ट्रपति ने प्रतिक्रिया दी है.

पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने ट्रंप की बातों को खारिज करते हुए कहा कि पनामा से होकर गुजरने वाले जहाजों से लिया जाना वाला शुल्क एक्सपर्ट्स की ओर से निर्धारित है. मुलिनो ने कहा कि नहर का जर्रा-जर्रा पनामा का है और यह हमारा ही रहेगा.


ट्रंप ने क्या कहा था?
ट्रंप ने कहा था कि हमारी नौसेना और कारोबारियों के साथ बहुत अनुचित व्यवहार किया गया है. पनामा द्वारा ली जा रही फीस हास्यास्पद है. इस तरह की चीजों को तुरंत बंद किया जाना चाहिए. अगर पनामा चैनल का सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय तरीके से संचालन नहीं होता है तो हम मांग करेंगे कि पनामा नहर हमें पूरी तरह वापस कर दी जाए.

ट्रंप ने कहा कि अगर नैतिक और कानूनी दोनों सिद्धांतों का पालन किया जाए तो हम मांग करेंगे की कि पनामा नहर को जितना जल्दी हो उतनी जल्दी अमेरिका को लौटा दिया जाए.

क्या है पनामा की अहमियत?
दुनियाभर की जियोपॉलिटिक्स में पनामा नहर की खासी अहमियत है. यह 82 किलोमीटर लंबी नहर अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर को जोड़ती है. कहा जाता है कि दुनियाभर का छह फीसदी समुद्री व्यापार इसी नहर से होता है. अमेरिका के लिए इस नहर का बहुत महत्व है. अमेरिका का 14 फीसदी कारोबार पनामा नहर के जरिए होता है. अमेरिका के साथ ही दक्षिण अमेरिकी देशों का बड़ी संख्या में आयात-निर्यात भी पनामा नहर के जरिए ही होता है. एशिया से अगर कैरेबियाई देश माल भेजना हो तो जहाज पनामा नहर से होकर ही गुजरते हैं. पनामा नहर पर कब्जा होने की स्थिति में दुनियाभर की सप्लाई चेन बाधित होने का खतरा है.

बता दें कि पनामा नहर का निर्माण साल 1881 में फ्रांस ने शुरू किया था, लेकिन 1904 में अमेरिका ने इस नहर के निर्माण की जिम्मेदारी संभाली और 1914 में अमेरिका द्वारा इस नहर के निर्माण को पूरा किया गया. इसके बाद पनामा नहर पर अमेरिका का ही नियंत्रण रहा, लेकिन साल 1999 में अमेरिका ने पनामा नहर का नियंत्रण पनामा की सरकार को सौंप दिया. अब इसका प्रबंधन पनामा कैनाल अथॉरिटी द्वारा किया जाता है.

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