अयोध्या: अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे भव्य राम मंदिर का निर्माण (Construction of Ram Mandir) कार्य अभी जारी है. वहीं रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का वार्षिक उत्सव की भी भव्य तैयारी हो रही है, यह उत्सव तीन दिवसीय होगा. भगवान के भव्य महल में विराजमान होने का वार्षिक उत्सव, पौष शुक्ल की द्वितीया को होगा और पांच जगह रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के वार्षिक उत्सव (Annual celebration of Prana Pratishtha) को लेकर धार्मिक अनुष्ठान होगा.
इस कार्यक्रम के पूरी जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या धाम ट्रस्ट के महासचिव एवं विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने दी है. चंपत राय ने कहा किराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का पहला वर्ष पौष शुक्ल द्वादशी 11 जनवरी 2025 को है और इसे लेकर तीन दिन का कार्यक्रम है. 11, 12 और 13 जनवरी को 5 अलग-अलग स्थानों पर कार्यक्रम होंगे. पहला स्थान यज्ञ मंडप है जिसमें जनता नहीं जा पाएगी, जिसको हम बुलाएंगे वही जा पाएगा.
चंपत राय ने कहा कि दूसरा स्थान है राम जन्मभूमि मंदिर के अंदर के हिस्से का, मंदिर के परिसर नहीं सिर्फ मंदिर. जिसको बुलाया जाएगा वही जा पाएगा. तीसरा स्थान है यात्री सुविधा केंद्र और चौथा स्थान है अंगद टीले का प्रांगण, अंगद टीले पर सारा समाज बिना किसी रोक टोक के आ सकता है. अंगद टीले के प्रांगण में जाने के लिए श्रीराम अस्पताल के पहले एक नई सड़क बनाई गई है, वहीं पर अंगद टीला है और वहीं पर हमारे तीन चार प्रकार के कार्यक्रम होंगे.
माध्यंजिनी शाखा, शुक्र यजुर्वेद के 40 अध्याय हैं, 1975 मंत्र हैं, प्रत्येक मंत्र के साथ अग्नि देवता को स्वाहा किया जाएगा. यह सुबह आठ बजे से 11 बजे तक होगा. फिर 3 घंटा दोपहर 2 से 5 बजे तक होगा, छह घंटे प्रतिदिन, यानि 18 घंटे में 2000 मंत्रों का उच्चारण और आहुतियां होंगी. 11 वैदिक आचार्य शुक्र यजुर्वेद से अग्निदेवता का होम प्रारंभ करेंगे.
इसी काल में हनुमान चालीसा, राम रक्षा स्त्रोत, पुरुष सूक्त, श्री सूक्त, आदित्य हृदय स्तोत्र, विष्णु सहस्त्रनाम और भगवान राम का बीज मंत्र होगा. इक्कीस ब्राह्मण ये काम रोज छह घंटे करेंगे, तीन घंटे सुबह और तीन घंटे शाम और ये दो पीरियड में होगा. छह लाख राम के बीज मंत्र का पारायण, ये यज्ञ मंडप के परिसर का एक हिस्सा है.
राम मंदिर में शाम तीन बजे से पांच बजे तक तीन दिन तक भगवान को राग सेवा पेश की जाएगी. बजाने वाले गायक रहेंगे और इसमें एक दिन, देश भर में ख्याति प्राप्त व्यक्ति आएगा. प्रांतीय स्तर की ख्याति प्राप्त व्यक्ति आएगा और एक स्थानीय जो भी गायक है, वादक है, वो अपना गायन भगवान को अर्पित करेंगे. एक स्थानीय एक प्रांतीय स्तर का एक अखिल भारतीय स्तर का भी रहेगा.
शाम छह बजे से नौ बजे तक भगवान की बधाई होगी और रामलला का बधाई दान होगा. परिसर के अंदर दर्शनार्थियों को बैठने की अनुमति है, जहां आप अपने मोबाइल जूते इत्यादि रख सकते हैं. इसे यात्री सुविधा केंद्र कहा गया है, इसका प्रथम तल है. करीब एक हजार कुर्सियाँ हैं, लोग हमेशा आकर बैठते हैं और आराम करते हैं. जिसमें पानी की सुविधा है और स्क्रीन भी लगी हुई है. शौचालय इत्यादि की भी सुविधा है. कोई भी आदमी आकर आराम कर सकता है चाहे कितनी भी देर बैठे.
वहीं चंपत राय ने कहा किप्राण प्रतिष्ठा के मौके पर जिन संत महात्मा को आमंत्रित नहीं किया जा सका या जो किन्हीं कारणों से नहीं आ सके प्रतिष्ठा में उनको आमंत्रित करने के लिए सूची बनाई जा रही है. समाज से जुड़े हुए 50 गृहस्थों को भी प्राण प्रतिष्ठा के वार्षिक महोत्सव में शामिल किए जाने का प्रयास किया जा रहा है. कोशिश की जा रही है की अयोध्या के संतों को रामलला के परिसर के निर्माण कार्य को एक दिन दिखाया जा सके.
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