डेस्क: पोलैंड दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां हर साल भारत के लोग भारी तादाद में नौकरी के लिए जाते हैं. पोलैंड भारतीय लोगों के बीच नौकरी और पढ़ाई के लिए काफी ज्यादा पॉपुलर है. ऐसे में इस बात को ध्यान में रखते हुए यूरोप के इस देश ने साल 2025 के लिए अपने वीजा नियमों में बदलाव करने का ऐलान किया है. दिलचस्प बात ये है कि पोलैंड ने ऐसे समय पर वीजा नियमों में बदलाव का ऐलान किया, जब अमेरिका ने भी अपने लोकप्रिय वीजा प्रोग्राम H-1B वीजा में बदलाव किया है. आज दुनिया के कई देश स्किल प्रोफेशनल्स के लिए अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी को बिल्कुल आसान बनाने की ओर बड़े कदम उठा रहे हैं.
पोलैंड की तरफ से किए गए सबसे महत्वपूर्ण बदलाव विदेशी वर्कर्स के लिए अनिवार्य एंप्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट है. इन नए नियमों के तहत वर्कर्स अब सिविल लॉ कॉन्ट्रैक्ट के तहत कंपनियों में नौकरी नहीं कर सकते हैं. इससे वर्कर्स को नौकरी में अधिक सुरक्षा और पोलिश श्रम कानूनों के तहत विशेष संरक्षण की सुविधा मिलेगी. दरअसल, पोलैंड का यह कदम पारदर्शी और नियमित लेबर मार्केट बनाने के प्रयासों का हिस्सा है. पोलैंड चाहता है कि उसके देश में आने वाले विदेशी वर्कर्स को किसी भी तरह के शोषण का सामना न करना पड़े.
उल्लेखनीय है कि पोलैंड एक नए विधायी ड्राफ्ट पर भी काम कर रहा है. जिसका उद्देश्य वीजा और रेजिडेंस परमिट को सरल बनाना है. इस ड्राफ्ट में विदेशी वर्कर्स की बेहतर निगरानी और नियमों के पालन न करने पर सजा का प्रावधान है. इसके अलावा इस ड्राफ्ट के तहत अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वाले लोगों को रोकना भी है. पोलैंड में इस वक्त स्किल्ड वर्क फोर्स की मांग लगातार बढ़ रही है. नए वीजा के जरिए पोलैंड खुद को स्किल लेबर का हब बनाना चाहता है और इससे पोलैंड ग्लोबल टैलेंट के लिए सबसे बेहतरीन डेस्टिनेशन बनने वाला है.
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