सीधी: सीधी जिले (Sidhi District) के मझौली तहसील के एक शासकीय आवास में निवास नायब तहसीलदार बाल्मिक साकेत (Deputy Tehsildar Balmik Saket) को रीवा लोकायुक्त की टीम (Lokayukta team) ने 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल, मझौली क्षेत्र निवासी प्रवेश शुक्ला का लंबे समय से जमीनी विवाद जबलपुर हाईकोर्ट में चल रहा था. पिछलें दिनों जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले के बाद मझौली नायब तहसीलदार बाल्मिक साकेत को किसान प्रवेश शुक्ल की जमीन का नामांतरण करना था. इसके एवज में नायब तहसीलदार ने किसान से 50 हजार रिश्वत की मांगी. रिश्वत की पहली किस्त शनिवार के दिन तय हुआ था.
किसान इसके पहले भी नायब तहसीलदार को 7 हजार रिश्वत दे चुका था. जैसे ही सुबह शासकीय आवास में 25 हजार नकद किसान ने नायब तहसीलदार को दिए उसके ठीक बाद ही किसान की सूचना पर रीवा से पहुंची लोकायुक्त की टीम ने नायब तहसीलदार को रंगे हाथों पकड़ लिया. रिश्वत के तौर पर दिए गए नकद रुपए भी बरामद कर लिए. टीम नायब तहसीलदार को आगे की कार्रवाई के लिए सीधी के सर्किट हाउस लेकर गई.
सर्किट हाउस में 5 घंटे लोकायुक्त रीवा की 12 सदस्य टीम ने नाबय तहसीलदार से पूछताछ की. खास बात यह है कि लोकायुक्त की कार्रवाई के दौरान नायब तहसीलदार अपना चेहरा कागज से छिपाते नजर आए. जैसे ही मझौली में नायब तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई हुई उसके ठीक बात से ही जिले के प्रशासनिक अधिकारी से लेकर क्षेत्रीय प्रशासनिक कर्मियों में हड़कंप मच गया.
अब यह पूरी कार्रवाई चर्चा में है, जिसे लेकर लोकायुक्त डीएसपी भी मान रहे हैं कि अपराध किया है. उन्होंने आगे बताया कि नायब तहसीलदार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर रीवा लोकायुक्त टीम आगे की कार्रवाई कर रही है. बरहाल सीधी जिले के प्रशासनिक महकमों में रिश्वतखोरी भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद नामांतरण के एवज में मागीं गाई रिश्वत ने पोल खोल दी है. ऐसे में देखना दिलचस्प यह होगा कि लगातार जारी रिश्वतखोर भ्रष्टाचार पर लोकायुक्त की यह कार्रवाई कितनी लगाम लगा पाने में सफल होती है.
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