इंदौर। शहर (Indore City) में डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के यूं तो कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन पहला ऐसा मामला आया है. जिसमें ठगों (Thugs) से डरकर एक युवक (Young Person) ने खुद को एक होटल (Hotel) के कमरे में कैद कर लिया था। परिवार का फोन नहीं उठा रहा था। इस पर वे पुलिस (Police) के पास पहुंचे, फिर पुलिस ने मोबाइल नंबर ट्रेस (Trace Mobile Number) कर युवक का होटल के कमरे से रेस्क्यू किया और वह ठगी से बच गया। विजयनगर पुलिस मोबाइल नंबर ट्रेस कर पहुंची, किया रेस्क्यू मामला होटल फ्रेंड्स इन का है।
डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि कल दोपहर डेढ़ बजे कुछ लोग विजयनगर थाने पहुंचे और बताया कि उनका बेटा धीरेंद्र शर्मा उनका फोन नहीं उठा रहा है। इस पर टीआई चंद्रकांत पटेल ने मामले को गंभीरता से लिया और उसके मोबाइल नंबर से उसकी लोकेशन ट्रेस की। इसके बाद पुलिस टीम होटल फ्रेंड्स इन में पहुंची।
यहां यह कमरा नंबर 109 में रुका हुआ था। रजिस्टर से उसकी शनकारी निकाली। इसके बाद परिवार के साथ पुलिस ने दरवाजा बजाया। उसने जैसे ही दरवाजा खोला परिवार को देखकर उसने अपना मोबाइल कपड़े में छुपा लिया। पुलिस ने मोबाइल देखा तो यह ऑनलाइन एक वर्दीधारी से बात कर रहा था। पुलिस पूरा मामला समझ गई और उसकी काउंसलिंग की। उसने बताया कि उसे वीडियो कॉल कर डराया गया था। इसके चलते वह होटल में गया और खुद को कमरे में कैद कर लिया था।
पुलिस ने उसे समझाया और फिर परिजनों के साथ रवाना किया। बताते हैं कि पुलिस की तत्परता के चलते यह साइबर ठगी से बच गया, क्योंकि ठगों ने उसे डिजिटल अरेस्ट कर लिया था और वह घबराकर इधर-उधर से पैसे का इंतजाम कर रहा था, लेकिन यच गया। अब तक शहर में डिजिटल अरेस्ट के जितने मामले आए हैं, उनमें सभी को उनके ही घरों में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की गई थी, लेकिन यह ऐसा पहला मामला है, जिसमें साइबर ठगों से डरकर युवक ने खुद को होटल के कमरे में बंद कर लिया था। उल्लेखनीय है कि डिजिटल अरेस्ट से बचाने के लिए पुलिस कई बार एडवाइजरी जारी कर चुकी है।
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