इंदौर। इस साल के अंतिम पखवाड़े में शहर से लेकर इन्दौर जिले के सभी गांवों तक न्यू एक्टिव टीबी केस फाइंडिंग सर्वे मिशन यानी नए टीबी मरीज ढूंढो अभियान फिर से शुरू किया गया है। यह अभियान 31 दिसम्बर तक जारी रहेगा। इस अभियान के अंतर्गत सेंट्रल जेल व जिला से लेकर तहसीलों की जेलों और वृद्धाश्रम, अनाथालय जाकर टीबी के नए मरीज खोजे जाएंगे। इसके लिए लगभग 4 कर्मचारियों की अलग-अलग टीम यानी दल बनाए गए हैं। यह दल हर रोज उन अलग-अलग बस्तियों के घरों, मोहल्लों में जाकर नए टीबी मरीज ढूंढेंगे जिन कालोनियों अथवा इलाकों में पहले से मौजूद टीबी मरीजों का इलाज जारी है। जिला क्षय अधिकारी डॉक्टर शैलेन्द्र जैन ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय यानी टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत न्यू एक्टिव केस फाइंडिंग सर्वे यानी नए टीबी मरीज खोजो अभियान 16 से 31 दिसम्बर चलेगा।
इसकी शुरुआत खजराना, चन्दन नगर, बाणगंगा इलाकों से हो चुकी है। नए टीबी मरीज ढूंढो अभियान में स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यकर्ताओं के अलावा एनजीओ की टीम भी शामिल रहेगी। यह सभी टीम न सिर्फ पुराने टीबी मरीजों के इलाकों या बस्तियों बल्कि सेंट्रल जेल, जिला, तहसीलों वाली जेलों के अलावा वृद्धाश्रम, अनाथाश्रम सहित हाईरिस्क स्पॉट तक पहुंचेगी। इस दौरान यदि ऐसे संदिग्ध मरीज पाए जाते हैं कि जिन्हें लगातार बलगम वाली खांसी चल रही है। हर शाम को बुखार आ रहा है तो उनका बलगम यानी खखार लेकर उसका टेस्ट मतलब जांच की जाएगी। यदि टेस्ट पॉजिटिव आया यानी जांच रिपोर्ट में टीबी के लक्षण पाए गए तो इन मरीजों का इलाज मुफ्त में किया जाएगा। गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा साल 2025 तक टीबीमुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है।
पहले 500 मिलते थे अब 1000 रुपए
डॉक्टर शैलेंद्र जैन के मुताबिक पहले टीबी मरीजों को इलाज शुरू होने से लेकर उनके सम्पूर्ण रूप से स्वस्थ होने तक हर माह 500 रुपए मिलते थे, मगर अब 500 रुपए से बढ़ाकर यह राशि 1000 रुपए कर दी गई है। टीबी हॉस्पिटल के रिकार्ड के अनुसार अभी तक टीबी मरीजों की संख्या लगभग 9 हजार 700 है। यह आंकड़े स्थायी नहीं हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि टीबी मरीजों की संख्या हर माह घटती और बढ़ती रहती है। हर माह कई मरीज जहां ठीक होते हैं तो वहीं कई नए टीबी मरीज सामने आते हैं।
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