नई दिल्ली: बीते दिन मंगलवार (17 दिसंबर, 2024) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान पर चर्चा का राज्यसभा में जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबडेकर को लेकर कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उस जमाने में उनका अपमान किया गया. इसको लेकर पूरा विपक्ष एकजुट होकर अमित शाह पर आरोप लगा रहा है कि उन्होंने अंबेडकर का अपमान किया.
इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा, “मुखौटा उतर गया है! संसद में संविधान के 75 गौरवशाली वर्ष पूरे होने पर विचार करते हुए, गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर को लोकतंत्र के मंदिर में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करके कलंकित करने का विकल्प चुना.”
उन्होंने आगे कहा, “यह भाजपा की जातिवादी और दलित विरोधी मानसिकता का प्रदर्शन है. अगर 240 सीटों पर सिमटने के बाद वे इस तरह का व्यवहार करते हैं तो कल्पना करें कि अगर उनका 400 सीटों का सपना साकार होता तो वे कितना नुकसान करते.”
ममता बनर्जी ने हमला जारी रखते हुए आगे कहा, “वे डॉ. अंबेडकर के योगदान को पूरी तरह से मिटाने के लिए इतिहास को फिर से लिख देते. गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी उन लाखों लोगों का अपमान है जो मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए बाबासाहेब की ओर देखते हैं लेकिन आप उस पार्टी से और क्या उम्मीद कर सकते हैं जिसने नफरत और कट्टरता को अपने अंदर समाहित कर लिया है? “
वहीं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, “देखिए कैसे अमित शाह जी संसद में बाबा साहेब अंबेडकर का मज़ाक़ उड़ा रहे हैं. इन बीजेपी वालों को इतना अहंकार हो गया कि ये किसी को कुछ नहीं समझते. हां अमित शाह जी. बाबा साहेब इस देश के बच्चे-बच्चे के लिए भगवान से कम नहीं हैं. मरने के बाद स्वर्ग का तो पता नहीं, लेकिन बाबा साहेब का संविधान ना होता तो आप लोग तो दबे, कुचले, गरीबों और दलितों को इस धरती पर जीने ही ना देते. बाबा साहेब का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान. जय भीम”
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