नई दिल्ली: भारतीय नौसेना को आज एक और सर्वेक्षण पोत ‘निर्देशक’ मिलने जा रहा है. आज विशाखपटनम में इसकी कमीशनिंग की जाएगी. रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ विशाखपटनम में कमीशनिंग समारोह की अध्यक्षता करेंगे. भारतीय नौसेना अपने नवीनतम सर्वेक्षण पोत ‘निर्देशक’ को आज विशाखपटनम के नेवल डॉकयार्ड में कमीशन करने के लिए पूरी तरह तैयार है. इस मौके पर पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ भी मौजूद रहेंगे. इस श्रेणी का पहला जहाज INS संध्याक इस साल 3 फरवरी को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.
कोलकाता स्थित GRSE की ओर से बनाए गए इस पोत में 80 फीसद से ज्यादा स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जो भारत की जहाज डिजाइन और निर्माण में विशेषज्ञता और भारतीय नौसेना की आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह 110 मीटर लंबा पोत लगभग 3800 टन के विस्थापन के साथ दो डीजल इंजनों द्वारा संचालित है और अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक और महासागरीय सर्वेक्षण उपकरणों से लैस है.
यह नया ‘निर्देशक’ सर्वेक्षण पोत (लार्ज) परियोजना का दूसरा जहाज है, जिसे हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण, नौवहन सहायता और समुद्री संचालन में सहायता के लिए डिजाइन किया गया है. इसे एक तरह से पूर्ववर्ती ‘निर्देशक’ का पुनर्जन्म माना जा रहा है. क्योंकि इससे पहले वाले पोत ने भारतीय नौसेना में 32 सालों तक सेवा दी थी और 19 दिसंबर 2014 को सेवामुक्त हो गया था.
इसके अलावा भारतीय नौसेना को 2027 तक कई आधुनिक युद्धपोत मिलने वाले हैं. अत्याधुनिक मिसाइलों से लैस अगली पीढ़ी की मिसाइल पोत (NGMV) का निर्माण कोचिन शिपयार्ड में स्टील कटिंग समारोह से शुरू हो गया है. इस पोत में 8 ब्रह्मोस मिसाइल लगाई जा सकती हैं और किसी भी हवाई हमलों से बचने के लिए 32 मिसाइलें लगाई जाएंगी. इस पोत के भारतीय नौसेना में शामिल होने से चीन औरर पाकिस्तान की चिंता बढ़ सकती है.
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