नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) को राजधानी में जामा मस्जिद का निरीक्षण (Inspection of Jama Masjid) करने और रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है। मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित करने के लिए जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह एवं अमित शर्मा की पीठ ने एएसआई (ASI) को 29 जनवरी से एक सप्ताह पहले रिपोर्ट (Report) देने को कहा है।
पीठ ने 11 दिसंबर को अपने आदेश में कहा, ‘23 अक्टूबर 2024 के आदेश के अनुसार सर्वेक्षण/निरीक्षण किया जाए और सुनवाई की अगली तारीख से कम से कम एक हफ्ते पहले मामले में मौजूद सभी पक्षों को अग्रिम प्रतियों के साथ एक रिपोर्ट दाखिल की जाए।’
हालांकि, 11 दिसंबर को एएसआई की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सोनी ने कार्य पूरा करने के लिए पीठ से अतिरिक्त समय मांगा। अतिरिक्त समय देते हुए पीठ ने याचिकाकर्ता की तरफ से एक वकील को सर्वेक्षण/निरीक्षण के दौरान टीम के साथ जाने की अनुमति दी है।
23 अक्टूबर को पीठ ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधियों के साथ जामा मस्जिद और उसके आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए कहा था। साथ ही जामा मस्जिद परिसर का उपयोग किस उद्देश्य से किया जा रहा है, इसकी रूपरेखा के साथ एक रेखाचित्र भी मांगा गया था।
सुहैल अहमद खान एवं अजय गौतम द्वारा दो अलग-अलग याचिकाओं में वर्ष 2014 में दायर जनहित याचिकाओं में जामा मस्जिद के एएसआई के दायरे में न आने पर सवाल उठाए गए थे। उन्होंने जामा मस्जिद के इमाम मौलाना सैयद अहमद बुखारी द्वारा शाही इमाम उपाधि के इस्तेमाल और उनके बेटे को नायब (उप) इमाम नियुक्त करने पर आपत्ति जताई थी।
वर्ष 2015 में एएसआई ने पीठ को सूचित किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शाही इमाम को आश्वासन दिया था कि जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित नहीं किया जाएगा। अपने नवीनतम हलफनामे में एएसआई ने कहा कि ऐतिहासिक जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित करने से काफी प्रभाव पड़ेगा और इस संबंध में अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।
एक बार किसी संरचना को संरक्षित स्मारक घोषित कर दिया जाता है, तो उसके आस-पास के क्षेत्र में कुछ नियम और निषेध लागू हो जाते हैं। मुगलकालीन जामा मस्जिद वर्तमान में दिल्ली वक्फ बोर्ड के संरक्षण और संरक्षण में है, लेकिन एएसआई इसके संरक्षण का काम कर रहा है।
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