जबलपुर। आखिर वेयरहाउस मालिकों और जिला प्रशासन के बीच सुलह हो गयी। वेयरहाउस मालिकों ने कहा कि वे मांगें पूरी होने तक आंदोलन करते,लेकिन किसानों के हितों को देखते हुये पीछे हट गये। इधर, जिला प्रशासन के खरीदी से जुड़े प्रमुख अफसरों का कहना है कि वेयरहाउस संचालकों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। सच जो भी,लेकिन किसानों को वाकई राहत मिल गयी,क्योंकि गोदाम न खोले जाने की स्थिति में धान बाहर रखी हुई थी।
उल्लेखनीय है कि 2 दिसम्बर से धान का उपार्जन शुरू हुआ था और उसके पहले से ही वेयर हाउस संचालक आंदोलित थे। 3 सालों का भंडारण शुल्क और सूखत में निर्णय के लिए वे प्रशासन का सहयोग नहीं कर रहे थे बल्कि कई वेयर हाउस संचालकों ने तो अपनी चाबियां ही प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष रख दीं थीं। इसके चलते कुछ स्स्थानों पर केन्द्र नहीं बन पाए थे और किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही थी। प्रशासन ने भी जिद पकड़ ली थी और कुछ संचालकों के िखलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।
किस बात पर है तकरार
जिला प्रशासन और वेयरहाउस संचालकों के बीच तीन साल के किराये को लेकर तकरार है ही साथ सूखत को लेकर भी ठनी हुई है। वेयर हाउस संचालकों का कहना है कि सूखत 6 से 8 प्रतिशत होती है जबकि शासन 3 प्रतिशत सूखत मान्य करता है। ऐसे में सूखत के आंकड़े भी बढ़ाने की मांग की जा रही थी। मुख्यत इन्हीं दो मांगों को लेकर वेयर हाउस संचालक नाराज थे। प्रशासन ने इनके साथ बैठक भी की और कई सुझाव दिए गए थे ताकि बात बन सके। इसके बाद कलेक्टर दीपक सक्सेना ने भी इन्हें आश्वासन दिया था कि इस मामले में रोज बैठक हो सकती है और धीरे-धीरे सभी को भंडारण शुल्क मिल जाएगा।
किसानों के वजह से पसीज गये
एसोसिएशन ने कहा कि वे सिर्फ किसानों की मुश्किलों को देखकर पसीज गये हैं वरना ये लड़ाई लंबी चलती। यदि भंडारण नहीं होगा तो किसानों की राशि फंस जाएगी,इसलिए हमने आंदोलन वापिस ले लिया। सदस्यों के मुताबिक, कई जनप्रतिनिधियों ने भी सहयोग की अपील की इसलिए ये फैसला लिया गया।
धान खरीदी:आंकड़ों पर एक नजर
धान खरीदी का आंकड़ा पिछले साल के करीब पहुंच रहा है। जिला प्रशासन के अनुसार जल्द ही ये आंकड़े तेजी से बढ़ेंगे। अब तक उपार्जन के कुल 16 दिनों में पिछले साल 2 हजार 8 सौ 39 किसानों ने 3439 84.29 क्विंटल धान का विक्रय किया था जबकि इस बार अभी तक 3707 किसानों ने 340216.399 क्विंटल धान बेची है।
संचालकों का कदम स्वागत योग्य
वेयरहाउस संचालकों का ये कदम स्वागत योग्य है। उनकी समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया गया है। इस पर उच्च स्तर पर बात की जाएगी। धान खरीदी तेजी से प्रगति पर है।
दीपक सक्सेना, कलेक्टर
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