इंदौर। विभिन्न संस्थाओं ने शहर में कॉलेज, आवासीय परिसर, सामाजिक संस्थाएं, धर्मशालाएं बनाने के लिए सरकारी मद से कई एकड़ भूमि लीज पर ले रखी है, लेकिन सालों से भूभाटा ही नहीं भरा है। आईटीआई कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था अनुदेशक नगर सुखलिया को दो एकड़ भूमि आवासीय परिसर के लिए उपलब्ध कराई गई थी, जिसका न तो नौ साल से भूभाटक भरा गया है और न ही दी अनुमति के अनुसार उपयोग हो रहा है। धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। अब प्रशासन ने लीज निरस्ती का नोटिस थमाया है।
राजस्व महाअभियान के तृतीय चरण में राजस्व अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र की नजूल भूमियों का राजस्व वसूलने की कार्रवाई कर रहे हैं, जिसमें कई सहकारी संस्थाओं के नाम उजागर हुए हैं, जिन्होंने लीज पर तो जमीन ले ली, लेकिन सालों से भूभाटक भरने की जहमत नहीं उठाई। नाममात्र का शुल्क भरने में भी सालों गुजर गए। वहीं दी गई आवासीय जमीनों का व्यावसायिक उपयोग भी सामने आ रहा है। इसी तरह का मामला आईटीआई कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर अनुदेशक नगर सुखलिया का सामना आया है, जिसमें उक्त संस्था ने 2015 से आज तक भूभाटक ही नहीं भरा है। वहीं जब विभाग के अधिकारी जांच के लिए पहुंचे तो पाया कि आवासीय प्रयोजन से आवंटित की गई भूमि के लगभग 18400 वर्गफीट क्षेत्रफल में विभिन्न व्यावसायिक संस्थान संचालित किए जा रहे हैं, जो लीज शर्तों का उल्लंघन है। अब एसडीएम मल्हारगंज निधि वर्मा ने उक्त संस्था को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
2015 में लीज खत्म नवीनीकरण नहीं
ज्ञात हो कि उक्त संस्था को 2 एकड़ भूमि 1985 में 30 वर्ष की अवधि के लिए आवासीय प्रयोजन हेतु मध्यप्रदेश शासन भू परिमापक एवं बंदोबस्त विभाग के आदेश पर दी गई थी। इसके लिए 14113.44 रुपए वार्षिक भूभाटक पट्टा तय किया गया था, जिसकी लीज 2015 में ही समाप्त हो चुकी है। उक्त संस्था ने आज तक न तो लीज का नवीनीकरण कराया है और न ही भूभाटक भरा जा रहा है। वहीं लीज शर्तों का उल्लंघन करते हुए नोटिस देने के बावजूद जवाब पेश नहींं किया जा रहा है। अनुविभागीय अधिकारी ने सात दिन का समय देकर लीज निरस्ती की कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। अधिकारियों के अनुसार मप्र नजूल भूमि निवर्तन निर्देश 2020 के अध्याय 3 के भाग झ के अनुसार लीज निरस्ती की कार्रवाई की जाएगी।
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