मुम्बई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में कैबिनेट विस्तार (Cabinet expansion) हो चुका है। खास बात है कि मंत्रियों में ऐसे कई नाम शामिल हैं, जो केंद्रीय जांच एजेंसियों (Central investigating agencies) की आंच का सामना कर रहे हैं। हालांकि किसी के भी खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं हुए हैं। रविवार को हुए विस्तार में महायुति (Grand Alliance) के सबसे बड़े दल भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के खाते में 19, शिवसेना (Shiv Sena) के पास 11 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) को 9 पद मिले हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, जांच की आंच का सामना कर रहे नेताओं में प्रताप सरनाईक, हसन मुश्रिफ, धननंजय मुंडे का नाम शामिल है। किसी भी नेता के नाम की क्लोजर रिपोर्ट अदालत नहीं पहुंची है, जिससे संकेत मिलते हैं कि इनके खिलाफ जांच जारी है। इधर, भाजपा के गिरीश महाजन को CBI यानी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन से क्लियरेंस मिला है।
खास बात है कि मुंडे, मुश्रिफ, सरनाईक पर ईडी ने जब मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए थे, तब ये विपक्ष में थे और बाद में सरकार में शामिल हो गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, इनके खिलाफ केस जारी हैं और कथित तौर पर इनसे जुड़ी कंपनियों और कुछ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई हैं। नवंबर में घोषित नतीजों में महायुति ने राज्य की 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल की थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, महाविकास अघाड़ी सरकार के समय महाजन के खिलाफ जबरन वसूली और अपहरण के आरोप थे। वह सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे और बाद में शिंदे सरकार ने मामला CBI को सौंप दिया था। CBI की तरफ से महाजन को क्लियरेंस मिल चुका है। CBI ने IPS अधिकारी भाग्यश्री नवतके और अन्य लोगों के खिलाफ आरोप दर्ज किए थे।
मुश्रिफ के खिलाफ भी ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में छापामार कार्रवाई कर चुकी है। मुंडे पुस गांव में 17 एकड़ प्लॉट को लेकर ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं। यह प्लॉट पहले बेलखांडी मठ के पुजारी को भेंट किया गया था। साल 2012 में मुंडे ने पुजारी के उत्तराधिकारियों से इसे हासिल किया। सरानाइक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की दो जांच चल रही हैं।
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