नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भारत (India) के संविधान की 75वीं वर्षगांठ (Constitution 75th anniversary) पर शनिवार को लोकसभा (Lok Sabha) को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने जमकर कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि संविधान के साथ खिलवाड़ करना, संविधान की स्पिरिट को तहस-नहस करना ये कांग्रेस की रगों में रहा है. हम भी सौदेबाजी कर सकते थे लेकिन हमने संविधान का रास्ता चुना. अटल जी (Atal ji) ने सौदा नहीं किया. खरीद फरोक नहीं की थी. बाजार तब भी लगता था, खरीद फरोक तब भी होती थी, लेकिन उन्होंने (अटल बिहारी वाजपेयी- Atal Bihari Vajpayee) 13 दिन बाद इस्तीफ़ा दे दिया, क्योंकि वे संविधान और लोकतांत्रिक मर्यादाओं के प्रति समर्पित थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने भी संविधान में संशोधन किए हैं. जी हां, हमने भी किया है लेकिन संविधान के लिए, देश के लिए बदलाव किए. कांग्रेस के लिए सत्ता सुख और सत्ता भूख, यही एकमात्र इतिहास है, कांग्रेस का वर्तमान है. हमने भी संविधान संशोधन किए हैं. लेकिन देश की एकता के लिए, देश की अखंडता के लिए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए और संविधान की भावना के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ किए हैं. हमने संविधान में भी संशोधन किया, लेकिन यह देश की एकता और महिलाओं व ओबीसी को सशक्त बनाने के लिए किया।
उन्होंने कहा कि हम अपने संविधान संशोधनों को स्वीकार करते हैं, ये संशोधन सत्ता पर हमारी पकड़ बढ़ाने के लिए नहीं किए गए हैं. ‘जुमला’ कांग्रेस का पसंदीदा शब्द है, देश के इतिहास में सबसे बड़ा ‘जुमला’ ‘गरीबी हटाओ’ था जिसका इस्तेमाल उनकी चार पीढ़ियों द्वारा किया गया. क्या आपको देश में टॉयलेट बनाने की भी फुरसत नहीं मिली. आपने गरीबों को TV में देखा है. अखबार में पढ़ा है. आपको पता ही नहीं कि गरीबी होती क्या है।
जिनको कोई नहीं पूछता उनको मोदी पूजता हैः पीएम
पीएम मोदी ने कहा, गरीबों के नाम पर बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया लेकिन 2014 देश के 50 करोड़ ऐसे नागरिक थे जिन्होंने बैंक की शक्ल नहीं देखी थी. 50 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोलकर के हमने बैंकों के दरवाजे गरीबों के लिए खोले. गरीबी हटाओ इसी कारण जुमला बनकर रह गया. गरीब को इस मुश्किल से मुक्ति मिले ये हमारा मिशन है. जिनको कोई नहीं पूछता उनको मोदी पूजता है।
पीएम मोदी ने सदन के सामने रखे 11 संकल्प
1. सभी नागरिक और सरकार अपने-अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें.
2. हर क्षेत्र और समाज को विकास का समान लाभ मिले, “सबका साथ, सबका विकास” की भावना बनी रहे.
3. भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए, और भ्रष्टाचारियों की सामाजिक स्वीकार्यता समाप्त हो.
4. देश के कानूनों और परंपराओं के पालन में गर्व का भाव जागृत हो.
5. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति मिले और देश की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व किया जाए.
6. राजनीति को परिवारवाद से मुक्त कर लोकतंत्र को सशक्त बनाया जाए.
7. संविधान का सम्मान हो और राजनीतिक स्वार्थ के लिए उसे हथियार न बनाया जाए.
8. जिन वर्गों को संविधान के तहत आरक्षण मिल रहा है, वह जारी रहे, लेकिन धर्म के आधार पर आरक्षण न दिया जाए.
9. महिलाओं के नेतृत्व में विकास (Women-led Development) को प्राथमिकता दी जाए.
10. राज्य के विकास के माध्यम से राष्ट्र के विकास को सुनिश्चित किया जाए.
11. “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के लक्ष्य को सर्वोपरि रखा जाए।
‘हम भी सौदेबाजी कर सकते थे लेकिन हमने संविधान का रास्ता चुना’
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान के साथ खिलवाड़ करना, संविधान की स्पिरिट को तहस-नहस करना ये कांग्रेस की रगों में रहा है. हम भी सौदेबाजी कर सकते थे लेकिन हमने संविधान का रास्ता चुना. अटल जी ने सौदा नहीं किया. उन्होंने 13 दिन बाद इस्तीफ़ा दे दिया. अटल जी ने कभी सौदेबाजी का रास्ता नहीं अपनाया. उन्होंने कहा, “हम भी सौदेबाजी कर सकते थे, लेकिन हमने संविधान का रास्ता चुना. बाजार तब भी लगते थे. खरीद-फरोख्त तब भी होता था. अटल जी ने बाजार और खरीद-फरोख्त के माहौल के बावजूद सौदा नहीं किया. उन्होंने 13 दिन बाद अपनी सरकार का इस्तीफा दे दिया, क्योंकि वे संविधान और लोकतांत्रिक मर्यादाओं के प्रति समर्पित थे।”
आज कांग्रेस के लोग सुप्रीम कोर्ट की भावना का भी अनादर कर रहे: पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि संविधान सभा ने UCC को लेकर लंबी चर्चा की थी. बाबा साहब ने धार्मिक आधार पर बने पर्सनल लॉ को खत्म करने की उन्होंने जोरदार वकालत की थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार कहा है कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड जल्द से जल्द लाना है. आज कांग्रेस के लोग सुप्रीम कोर्ट की भावना का भी अनादर कर रहे हैं. लोगों को डराने के लिए संविधान का इस्तेमाल किया जाता है. जो अपनी पार्टी के संविधान को नहीं मानते हैं. ये जिनकी रगों में नहीं है.उनमें केवल सत्तावाद और परिवारवाद भरा पड़ा हुआ है. जो लोग अपनी पार्टी के संविधान को नहीं मानते वो लोग कैसे देश के संविधान को स्वीकार कर सकते हैं. सीताराम केसरी को उठाकर फुटपाथ पर फेंक दिया गया. कहते हैं बाथरूम में बंद कर दिया गया था।
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