नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) की अध्यक्षता में कैबिनेट ने गुरुवार को वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) को मंजूरी दे दी। इस कानून के तहत पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने पर विचार किया जा रहा है। मोदी सरकार जल्द ही मौजूदा शीतकालीन सत्र में यह विधेयक पेश कर सकती है। ऐसे में सरकारी सूत्रों ने बताया है कि अगर कैबिनेट द्वारा पास किया गया यह प्रस्ताव बिना किसी बदलाव के संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाते हैं तो पूरे देश में सबसे पहले 2034 में लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने इसी साल मार्च में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
कोविंद कमिटी ने वन नेशन वन इलेक्शन लागू करने के लिए कुछ सिफारिशें की हैं। इसके तहत संसद में संशोधन कर एक नया प्रावधान, अनुच्छेद 82 ए (1) जोड़ने करने की सिफारिश है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति आम चुनाव के बाद लोकसभा की पहली बैठक में “नियत तिथि” अधिसूचित करेंगे। “नियत तिथि” के बाद नवगठित राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल के हिसाब से कम किया जाएगा। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इसका मतलब यह होगा कि अगर विधेयक बिना संशोधन के पारित हो जाते हैं, तो “नियत तिथि” सिर्फ 2029 में निर्वाचित लोकसभा की पहली बैठक के दौरान अधिसूचित की जाएगी क्योंकि इस साल लोकसभा की पहली बैठक पहले ही बीत चुकी है।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने यह भी बताया कि भले ही सरकार आम सहमति बना ले और 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत तक विधेयकों को पारित करवा ले लेकिन 2029 में एक साथ चुनाव कराने के लिए यह समय सीमा बहुत कम होगी। ऐसे में वन नेशन वन इलेक्शन के तहत पहले चुनाव 2034 में हो सकते हैं।
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