मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में फडणवीस सरकार (Fadnavis government) में अभी तक मंत्रालयों (ministry) का बंटवारा नहीं हो पाया है. महायुति (Mahayuti) में शामिल शिवसेना (Shiv Sena) , एनसीपी (NCP) और बीजेपी (BJP) के नेता विभागों के बंटवारे को लेकर लगातार बैठक कर रहे हैं. डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नाराज होने की भी खबरें सामने आई, लेकिन इन सबके बीच शिंदे ने अगले साल होने वाले बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है.
शिंदे ने गुरुवार को कहा कि शिवसेना अगले साल होने वाले बीएमसी चुनाव महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के साथ मिलकर लड़ेगी. पूर्व बीएमसी पार्षदों, पार्टी विधायकों, सांसदों और पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राज्य के उप मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि मुंबई को देश का सबसे बड़ा और विकसित नगर निगम बनना है. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा करने के लिए महायुति को अपने नगर निकाय बीएमसी का नियंत्रण उसी तरह संभालना होगा जैसे राज्य और केंद्र में संभाला हुआ है.
उद्धव ने दिए अकेले चुनाव लड़ने के संकेत
शिवसेना प्रमुख शिंदे ने कहा, “बीएमसी चुनाव सभी 227 नगर निगम वार्डों में महायुति (गठबंधन) के रूप में लड़े जाएंगे.” भाजपा, शिवसेना और एनसीपी महायुति गठबंधन का हिस्सा हैं. शिंदे की यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (यूबीटी), जो विपक्षी एमवीए का हिस्सा है, ने संकेत दिया है कि वह बीएमसी चुनावों में अकेले चुनाव लड़ सकती है.
शिंदे ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली पिछली महायुति सरकार ने मुंबई के विकास कार्यों के संबंध में कई कदम उठाए जिनमें सड़कों को गड्ढामुक्त बनाना, सफाई अभियान चलाना और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना आदि शामिल रहा है. महायुति सरकार द्वारा अपने पहले कार्यकाल (30 जून, 2022-4 दिसंबर, 2024) में किए गए कार्यों की झलक राज्य विधानसभा चुनावों में देखने को मिली, जहां सत्तारूढ़ गठबंधन ने मुंबई की 36 में से 22 सीटें जीतीं.
देश की सबसे अमीर महापालिका है बीएमसी
अपने प्रतिद्वंद्वी और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए शिंदे ने कहा कि पहले सत्ता में रहने वालों ने वह काम नहीं किया जो किया जाना चाहिए था. अविभाजित शिवसेना ने 1997 से 2022 तक लगातार 25 वर्षों तक देश के सबसे अमीर नगर निकाय बीएमसी को नियंत्रित किया. बैठक में, शिंदे की अध्यक्षता में शिवसेना के नव-निर्वाचित विधायकों ने सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के दूसरे सबसे बड़े घटक दल, पार्टी को मजबूत करने पर अपने विचार रखे.
सेना के एक विधायक ने कहा कि विधायकों ने जोर दिया कि पार्टी को बूथ स्तर पर काम करना चाहिए और मुंबई में संगठन को मजबूत करने के प्रयास किए जाने चाहिए. प्रत्येक नगर निगम वार्ड में सदस्यता अभियान आयोजित करने पर भी जोर दिया गया. एक अन्य विधायक ने कहा कि देश के सबसे अमीर नगर निगम के चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति पर भी विचार-विमर्श किया गया, जिसका वर्ष 2024-25 का बजट लगभग 60,000 करोड़ रुपये है.
विधानसभा चुनाव में यूबीटी और शिंदे सेना में रही थी टक्कर
पार्टी नेताओं का मानना है कि नवंबर के विधानसभा चुनावों में शिवसेना द्वारा हासिल की गई गति को बीएमसी चुनावों में भी आगे बढ़ाया जाना चाहिए. पार्टी ने विधानसभा चुनावों में 57 सीटें जीतीं. शिवसेना ने मुंबई में छह विधानसभा सीटें जीतीं जो सभी उपनगरीय इलाके की हैं. वहीं उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (यूबीटी) 10 सीटों पर विजयी हुई. बीएमसी के पिछले निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल मार्च 2022 की शुरुआत में समाप्त हो गया था और अब लगभग तीन साल बाद नए चुनाव होने हैं.
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