भोपाल: देश में लोकसभा (Lok Sabha) और विधानसभा (Legislative Assembly) के चुनाव (Election) एक साथ कराए जाने को लेकर बहस छिड़ी है. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की वकालत (Advocacy) की है. उन्होंने कहा कि हमेशा होने वाले चुनाव की वजह से समय और पैसे की बर्बादी (Waste of Money) होती है. उन्होंने ये भी कहा कि इससे विकास का काम भी बाधित होता है.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ”हम हैं तो कृषि मंत्री लेकिन जब चुनाव आया तो मैं तीन महीने तक चुनाव प्रचार में व्यस्त रहा. इसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, अधिकारियों, कर्मचारियों का समय बर्बाद होता है.”
उन्होंने आगे कहा, ”इसमें सारे विकास कार्य ठप्प हो जाते हैं, फिर नई-नई घोषणाएं करनी पड़ती हैं. मैं ये दे दूंगा, हम ये दे देंगे. जनकल्याणकारी काम पीछे छूट जाते हैं. इतना ही नहीं, इसमें भारी भरकम खर्च होता है. चुनाव आयोग भी खर्च करता है, वह पैसा जनता का होता है. फिर राजनीतिक दल भी इसमें खर्चा करते हैं. इसमें अधिक समय नष्ट होता है.
केंद्रीय मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा, ”दूसरे राज्य में चुनाव होंगे तो हरियाणा के अधिकारी पर्यवेक्षक बनकर चले जाएंगे. यहां का काम दो तीन महीने ठप हो जाएगा. वहां जाकर वो चुनाव कराएंगे तो इसमें सिर्फ विनाश ही विनाश है. समय का अपव्यय, धन का अपव्यय होता है. ये हमेशा होने वाला चुनाव हमारे विकास में बाधक है इसलिए संविधान में संशोधन करके सभी विधानसभा और लोकसभा चुनाव 5 साल में एक साथ होने चाहिए. इसके लिए हमें जनजागरण करना चाहिए.”
उन्होंने आगे कहा, ”भारत में चाहे कुछ भी हो, साल के बारह महीने चुनाव की तैयारी चलती रहती है. लोकसभा चुनाव खत्म हो गए हैं, फिर विधानसभा चुनाव आ गए हैं. हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव खत्म हो गए हैं, अब वे दिल्ली के लिए दौड़ रहे हैं, फिर बिहार में चुनाव होंगे. पांच साल तक सभी राजनीतिक दल सिर्फ चुनाव की तैयारियों में ही व्यस्त रहते हैं. जिसके कारण जनकल्याणकारी और विकास कार्य पीछे छूट गये हैं. सभी पार्टियों के नेता चुनाव जीतने को लेकर चिंतित रहते हैं.”
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