इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा शुरू की गई विश्वकर्मा योजना (Vishwakarma Yojana) को अधिकारी (Officer) बट्टा लगा रहे हैं। युवाओं को हुनर के साथ-साथ रोजगार दिलाने के लिए शुरू की गई यह योजना का लाभ हमें ही नहीं मिल रहा है। तीन हजार महिलाओं (thousand women) ने कलेक्टर (collector) का घेराव करते हुए जहां आवेदन वेरिफिकेशन की मांग की, वहीं एनयूएलएम विभाग के कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाए।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत सिलाई, ब्यूटीपार्लर, हैंडीक्राफ्ट के साथ-साथ कारपेंट का भी हुनर सिखाने के लिए आवेदन आमंंत्रित किए गए थे। बड़ी तादाद में महिलाओं ने सिलाई के लिए न केवल आवेदन भरें, बल्कि ट्रेनिंग भी ली। एमपीआनलाइन के माध्यम से भरे जा रहे सिलाई मशीन मिलने के आवेदन को अब विभाग स्वीकार ही नहीं कर रहा है, जिसका विरोध करते हुए लगभग तीन हजार महिलाओं ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। महिलाओं ने बताया कि बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर लगाकर प्रधानमंत्री ने इस योजना की शुरुआत की थी और योजना में इच्छुक हितग्राहियों को सिलाई भी सिखाई जाएगी। अब अधिकारी इससे साफ मुकर रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय में पहुंची महिलाओं ने एमयूएमएल विभाग के कर्मचारियों द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी करने और अभद्र व्यवहार करने का आरोप भी लगाया। महिलाओं ने बताया कि अधिकारी कह रहे हैं कि इस तरह की कोई योजना ही नहीं है, उन्हें ऊपर से आर्डर है कि वे सिलाई मशीन के मामलों में आवेदन स्वीकार नहीं करें। अपर कलेक्टर गौरव बैनल ने निगम के आधिकारियों को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश जारी किए।
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