भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) ने एक नई कवायद शुरू की है। प्रदेश में अब स्कूली छात्रों को यातायात के नियमों का पाठ पढ़ाया जाएगा। इसे लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि बड़े होने पर कोई चीज़ सीखने से अच्छा है, बचपन से ही छोटे-छोटे पाठ के माध्यम से बच्चों को सीख दी जाए। इसकी शुरुआत आगामी शिक्षा सत्र 2025-26 से होगी। स्कूल शिक्षा विभाग की इस कवायद से बच्चों को यातायात के नियमों के बारे में सही से जानकारी मिलेगी।
स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि, बड़े होने पर कोई चीज सीखने से अच्छा है बचपन से ही छोटे-छोटे पाठ के माध्यम से बच्चों को सीख दी जाए। बाल मन के समय से ही अगर कोई बात सिखाई जाए तो बेहतर रूप से वह समझ आती है। उन्होंने कहा कि यातायात के नियमों का पालन कैसे होता है और कैसे नियमों का उल्लंघन होता है,इन सभी बातों को बच्चों को सिखाना एक अच्छी बात है।
जानकारी के अनुसार पाठ्यक्रम भी इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि इसमें दोहराव न हो। साथ ही उनकी सामग्री विद्यार्थियों के बौद्धिक स्तर के अनुकूल हो। पांचवीं की पुस्तक में आठ अध्याय हैं। इसमें वाहन सड़क में कैसे, किस दिशा में चलाएं, रोटरी क्या है। प्रदूषण के मापदंड के अनुसार वाहन कितने प्रकार के होते हैं। लाइसेंस कितने तरह के होते हैं, जैसी जानकारियों को शामिल किया गया है।
प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं और इसमें जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यातायात के नियम तोड़ने वालों के विरुद्ध सख्ती के बाद भी घटनाएं बढ़ रही हैं। चिंता की दूसरी बात यह भी है कि दुर्घटनाएं जिस अनुपात में बढ़ी हैं उससे कहीं ज्यादा मृतकों की संख्या बढ़ी है। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि सख्ती के साथ ही लोगों का सोच बदलना भी जरूरी है और इसकी शुरुआत के लिए विद्यार्थियों से अच्छा कोई समूह नहीं हो सकता।
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