नई दिल्ली । खगोल वैज्ञानिकों (Astronomers) ने अंतरिक्ष (space) के क्षेत्र में एक बड़ी खोज (Big discovery) की है। जेम्स वेब टेलीस्कोप (James Webb Telescope) की मदद से सौरमंडल (Solar System) के बाहर की चीजों का अध्ययन कर रहे खगोलविदों के एक दल ने ओरियन नेबुला में स्थित एक युवा तारा प्रणाली के आसपास एक बड़ी प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क में बर्फ की खोज की है। वैज्ञानिकों के मुताबिक प्रथ्वी-सूर्य की दूरी से 1000 गुना अधिक आकार की इस डिस्क को पृथ्वी के किनारे से देखा जा सकता है। जेम्स वेब टेलीस्कोप की मदद से इसकी संरचना का अध्ययन करना और भी आसान हो जाता है।
टेलीस्कोप की मदद से की गई इस खोज की सफलता इस बात पर प्रकाश डालती है कि ग्रह और पानी जैसी प्रणालियों कैसे बन सकती है। खगोलविदों के मुताबिक जल बर्फ को ग्रह निर्माण के लिए आवश्यक माना जाता है। क्योंकि वह धूल के कणों को एक साथ चिपकने में मदद करता है, जिससे छोटे-छोटे कण आपस में जुड़कर बड़े पिंडों का निर्माण करते हैं और यह बड़े पिंड एक बडे रूप जुड़कर ग्रह का निर्माण करते हैं।
खगोलविदों ने बताया कि इसका केंद्रीय बैंड अपने चारों ओर से घिरे युवा तारे से आने वाले प्रकाश को रोकता है,जबकि डिस्क की सामग्री से बिखरा हुआ प्रकाश लोब बनाता है। डिस्क के बाहरी किनारे ओरियन नेबुला की चमकती पृष्ठभूमि के खिलाफ सिल्हूट में दिखाई देते हैं, इससे डिस्क संरचना का अध्ययन करने में आसानी होती है।
खगोलविदों की मानें तो यह खोज ग्रहों के विकास के शुरुआती चरणों में पानी की बर्फ की भूमिका को समझाती है। उन्होंने बताया कि जल न केवल ग्रह निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि जीवन के लिए भी एक महत्वपूर्ण घटक है। प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क में पानी कैसे और कहां से आया इसको समझने से हमें अपनी पृथ्वी के बारे में समझने में आसानी होगी। इसके अलावा सौरमंडल और अन्य ग्रहों की प्रणालियों की उत्पत्ति का पता लगाने में मदद मिल सकती है।
इस तरह के सूक्ष्म विवरणों को देखने के लिए जेम्स बेव टेलीस्कोप की क्षमता सर्वाधिक है। 114-426 जैसी प्रणालियों का अध्ययन करके, वैज्ञानिकों को ग्रह निर्माण के रहस्यों और ग्रहों को संभावित रूप से रहने योग्य बनाने वाले कारकों के बारे में बेहतर जानकारी हासिल करने की उम्मीद है।
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