जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) में बोरवेल (Borewell) में बच्चों के गिरने का सिलसिला जारी है। सोमवार को दौसा जिले (Dausa district) में करीब 160 फीट गहरे बोरवेल (160 feet deep borewell) में गिरे मासूम का अब तक रेस्क्यू नहीं हो सका है। करीब 15 घंटे से बोरवेल के आसपास 7 जेसीबी (JCB) और 3 एलएनटी मशीनें (LNT Machine) खुदाई में लगी हैं। मौके पर पहुंचे स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने बच्चे को सकुशल बाहर निकालने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार मासूम 300 फीट गहरे बोरवेल में करीब 150 फीट की गहराई पर फंसा हुआ है।
रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। इस दौरान करीब 50 फीट से अधिक खुदाई हो चुकी है। आर्यन 155 फीट पर फंसा हुआ है। NDRF भी बच्चे को रेस्क्यू करने में जुटी है, लेकिन अभी सफलता नहीं मिली है। NDRF ने एक और रिंग बनाई है, जिसके जरिए बच्चे को निकालने का प्रयास किया जाएगा। इसमें SDRF भी NDRF का सहयोग कर रही है। घटनास्थल पर भाजपा नेता जगमोहन मीणा भी रात भर से डटे हुए हैं। कलेक्टर देवेंद्र कुमार, एएसपी दिनेश अग्रवाल, एसडीएम यशवंत, मीणा, डिप्टी एसपी चारुल गुप्ता भी मौके पर मौजूद हैं। तीन LNT और सात जेसीबी मशीनों से खुदाई का काम जारी है।
जिला कलेक्टर ने बताया कि पापड़दा इलाके में स्थित काली खाड़ गांव की ढाणी डांगडा में पांच वर्षीय मासूम आर्यन मीना (5) पुत्र जगदीश मीना खेलते समय घर के पास स्थित खुले बोरवेल में गिर गया। बच्चे के बोरवेल में गिरने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। प्रशासनिक अधिकारियों को भी तुरंत सूचित किया गया सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार यादव, जिला परिषद सीईओ, नांगल राजावतान डीएसपी चारुल गुप्ता, एसडीएम यशवंत मीना, थाना प्रभारी मालीराम, दौसा विधायक डीसी बैरवा सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।
मासूम के परिजन लगातार बच्चे को आवाज दे रहे हैं ताकि वह घबराए नहीं। अपने परिजनों की आवाज सुनकर बच्चा जवाब भी दे रहा है। प्रशासन ने बोरवेल में ऑक्सीजन की नली डाली है ताकि बच्चे को सांस लेने में तकलीफ न हो। मासूम की जान बचाने के लिए प्रशासन ने एनडीआरएफ टीम को भी मौके पर बुलाया है. फिलहाल एसडीआरएफ की टीम और प्रशासन अपने स्तर पर बचाव कार्य में जुटा हुआ है।
मौके पर करीब 10 जेसीबी से खुदाई का काम किया जा रहा है और मिट्टी हटाने के लिए 10 ट्रैक्टर लगाए गए हैं। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार जगदीश मीना के चार बेटे और एक बेटी हैं। इनमें आर्यन सबसे छोटा बेटा है। घटना के बाद मासूम के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। आसपास की महिलाएं और ग्रामीण परिजनों को ढांढस बंधाने में लगे हुए हैं।
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