नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने शनिवार को कहा कि अमेरिका (America) को सीरिया (Syria) में संघर्ष में शामिल नहीं होना चाहिए, जहां विद्रोही सेनाएं राष्ट्रपति (President) बशर अल-असद (Bashar Al Assad) की सरकार को धमकी दे रही हैं. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, ‘सीरिया एक समस्याग्रस्त देश है, लेकिन हमारा मित्र नहीं है. अमेरिका को इससे कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए. यह हमारी लड़ाई नहीं है. इसे चलने दें. इसमें शामिल न हों.’
ट्रंप ने कहा कि चूंकि रूस असद का सहयोगी है, यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझा हुआ है, इसलिए ‘ऐसा लगता है कि वह सीरिया के माध्यम से इस लिटरल मार्च को रोकने में असमर्थ है, एक ऐसा देश जिसे उन्होंने वर्षों से संरक्षित किया है.’
सीरिया में है 900 अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, यदि रूस को सीरिया से अलग कर दिया जाता है, तो यह ‘वास्तव में उनके लिए सबसे अच्छी बात हो सकती है. ट्रंप की टिप्पणियों से ऐसा लगता है कि सीरिया में लगभग 900 अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी के प्रति उनका विरोध झलकता है, जिनमें से अधिकांश उत्तर-पूर्व में हैं, जहां उन्होंने इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के फिर से उभरने को रोकने के लिए सीरियाई कुर्द नेतृत्व वाले गठबंधन का समर्थन किया है.
अमेरिका के नए राष्ट्रपति ट्रंप ने 2018 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान घोषणा की थी कि वह अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाना चाहते हैं, क्योंकि उनका कहना था कि इस्लामिक स्टेट हार के करीब है. लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया, क्योंकि सलाहकारों ने चेतावनी दी थी कि वापसी से एक खालीपन पैदा होगा जिसे ईरान और रूस भर देंगे.
बता दें कि सीरिया के विपक्षी कार्यकर्ताओं और एक विद्रोही कमांडर ने दावा किया है कि विद्रोही तेजी से आगे बढ़ते हुए दमिश्क के उपनगरों तक पहुंच गए हैं. उन्होंने दावा किया कि विद्रोहियों ने सीरिया के कुछ बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है.
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