मुम्बई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में चुनाव नतीजे सामने आने के के बाद से चला आ रहा राजनीतिक गतिरोध समाप्त हो चुका है। इससे राज्य में नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। मंगलवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस (Senior BJP leader Devendra Fadnavis) ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री (Acting Chief Minister) और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे (Shiv Sena chief Eknath Shinde) से मुलाकात की। इस बैठक में नई सरकार के गठन (formation New government) के लिए एक अस्थायी व्यवस्था तय की गई। आपको बता दें कि नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को होगा। इससे पहले आज भाजपा विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा।
फडणवीस और शिंदे ने अस्थायी रूप से विभागों और कैबिनेट में हिस्सेदारी के मुद्दों को टालने का फैसला किया है ताकि गुरुवार को नई सरकार कार्यभार संभाल सके। इन मुद्दों को सरकार बनने के बाद सुलझाया जाएगा।
30 से अधिक विधायक लेंगे शपथ
महायुति गठबंधन (बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी) के 30 से अधिक विधायकों को मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। हालांकि, चुनाव परिणाम घोषित होने के 10 दिन बाद भी महायुति के तीनों सहयोगी दल कैबिनेट में हिस्सेदारी और विभागों के आवंटन को लेकर सहमति नहीं बना सके हैं।
एकनाथ शिंदे की मांगें
एकनाथ शिंदे शिवसेना के शानदार प्रदर्शन के बावजूद मुख्यमंत्री पद बीजेपी को सौंप चुके हैं। उन्होंने डिप्टी सीएम और गृह मंत्रालय की मांग की है। इसके अलावा, उन्होंने कुछ अन्य प्रमुख विभागों और विधानसभा अध्यक्ष का पद भी मांगा है। हालांकि बीजेपी गृह मंत्रालय और विधानसभा अध्यक्ष का पद देने को तैयार नहीं है, लेकिन अन्य विभागों पर बातचीत करने को तैयार है।
बातचीत से टूटा गतिरोध
सोमवार को बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने ठाणे स्थित एकनाथ शिंदे के आवास पर उनसे मुलाकात की। इसके बाद मंगलवार को मुंबई के ‘वर्षा’ निवास पर शिंदे और फडणवीस के बीच करीब 30 मिनट की बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं ने शपथ ग्रहण में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों की संख्या तय कर ली है।
शिवसेना और एनसीपी की मांगें
एनसीपी प्रमुख अजीत पवार ने सात कैबिनेट और चार राज्य मंत्री पद, केंद्र में एक कैबिनेट मंत्री और राज्यपाल का पद मांगा है। वहीं, शिवसेना ने गृह मंत्रालय और विधानसभा अध्यक्ष का पद मांगा है। वहीं, बीजेपी ने संकेत दिया है कि शिवसेना को 11-12 मंत्री पद और एनसीपी को 9-10 मंत्री पद दिए जा सकते हैं, जबकि बीजेपी 22-23 मंत्री पद अपने पास रखेगी।
बीजेपी के सामने चुनौती
बीजेपी शिंदे को इस तरह नाराज नहीं करना चाहती जिससे यह लगे कि पार्टी ने शिवसेना को तोड़ने के बाद उन्हें किनारे कर दिया। साथ ही मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में आगामी नगर निगम चुनावों में शिंदे की अहम भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। शिंदे अपने समर्थकों और पार्टी में अपनी साख बनाए रखने के लिए गृह मंत्रालय जैसे प्रमुख विभाग की मांग पर अड़े हैं।
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