नई दिल्ली: दक्षिण कोरिया (South Korea) के राष्ट्रपति यून सुक-योल (President Yoon Suk-yeol) ने मंगलवार को विपक्षी दलों पर सरकार को पंगु बनाने, उत्तर कोरिया के प्रति सहानुभूति रखने और देश की संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए देश में ‘इमरजेंसी मार्शल लॉ’ (Emergency Martial Law) की घोषणा की. उन्होंने टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम संबोधन में यह घोषणा की. इसके साथ ही दक्षिण कोरिया में जारी राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है.
राष्ट्रपति यून सुक-योल ने अपने संबोधन में कहा, ‘दक्षिण कोरिया को उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट ताकतों द्वारा उत्पन्न खतरों से बचाने और देश विरोधी तत्वों को खत्म करने के लिए मैं इमरजेंसी मार्शल लॉ की घोषणा करता हूं.’ उन्होंने देश की स्वतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा के लिए इसे आवश्यक बताया. यह घोषणा अगले साल के बजट को लेकर यून की पीपुल्स पावर पार्टी और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच जारी विवादों के बाद आई है.
दक्षिण कोरिया की 300 सदस्यीय संसद में बहुमत रखने वाले विपक्षी सांसदों ने हाल ही में एक छोटे बजट प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. प्रमुख फंडिंग में कटौती के लिए राष्ट्रपति यून सुक-योल ने इसकी आलोचना की थी. उन्होंने कहा, ‘हमारी नेशनल असेंबली अपराधियों के लिए स्वर्ग बन गई है. यह विधायी तानाशाही का अड्डा बन गई है, जो न्यायिक और प्रशासनिक प्रणालियों को पंगु बना देना चाहती है और हमारे उदार लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म कर देना चाहती है.’
यून ने विपक्ष पर नशीली दवाओं के अपराधों से निपटने और सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए आवश्यक बजट में कटौती करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि विपक्ष देश को ‘नशीली दवाओं का स्वर्ग बनाना चाहता है और शांति को अराजकता में बदलना चाहता है. यून ने विपक्षी सांसदों पर आरोप लगाया कि वे देश-विरोधी ताकतों के साथ हैं और सरकार को उखाड़ फेंकने का इरादा रखते हैं. उन्होंने अपने फैसले का बचाव करते हुए इसे आवश्यक बताया. यून ने कहा, ‘लोगों की आजीविका की परवाह किए बिना, विपक्षी दल ने केवल महाभियोग, विशेष जांच और अपने नेता को कानून के हाथों से बचाने के लिए शासन को पंगु बना दिया है.’
मई 2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद से विपक्ष-नियंत्रित नेशनल असेंबली में विरोध का सामना करने वाले यून ने जोर देकर कहा कि व्यवस्था बहाल करने और दक्षिण कोरिया की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए यह कदम आवश्यक था. उन्होंने कहा, ‘मैं जल्द से जल्द देश विरोधी ताकतों को खत्म करके देश में सामान्य स्थिति बहाल करूंगा.’
डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व वाले विपक्ष ने कुछ महीने पहले आरोप लगाया था कि राष्ट्रपति यून अपने खिलाफ सत्ता के कथित दुरुपयोग को लेकर महाभियोग की कार्रवाई टालने के लिए मार्शल लॉ लगाने की साजिश रच रहे हें. विपक्षी नेता ली जे-म्युंग ने कहा था कि मार्शल लॉ देश में तानाशाही को जन्म दे सकता है. यून ने विपक्ष के इन आरोपों को मनगढ़ंत बताकर खारिज कर दिया था. प्रधानमंत्री हान डक-सू ने भी दावों का खंडन किया था और कहा था कि दक्षिण कोरियाई लोग इस तरह के कदम को स्वीकार नहीं करेंगे.
यून 1987 के बाद नए संसदीय कार्यकाल के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने वाले पहले राष्ट्रपति बने. उनके कार्यालय ने उनकी अनुपस्थिति का कारण मौजूदा संसदीय जांच और महाभियोग की धमकियों को बताया. इस घटना के बाद यून और विपक्ष के बीच तनावपूर्ण संबंध और चरम पर पहुंच गए. विपक्षी सांसदों का दावा है कि राष्ट्रपति यून ने संसदीय विधेयकों के खिलाफ अपनी वीटो पावर का उपयोग करके और प्रमुख सैन्य पदों पर वफादारों को नियुक्त करके लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर कर दिया है, जिससे उनके इरादों के बारे में अटकलें तेज हो गई हैं.
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