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    हर पटवारी पर पैनी नजर गफलत करने वाले नपेंगे

  • December 03, 2024

    • राजस्व महा-अभियान की भोपाल से भी हो रही मॉनीटरिंग,लापरवाह पटवारियों पर कार्रवाई तय,जबलपुर में कलेक्टर कल करेंगे कामकाज की समीक्षा

    जबलपुर। पहले से ही अपने सुस्त कामकाज के लिए जाने जाने वाले पटवारियों ने यदि जल्दी अपनी आदत नहीं बदली तो स्थिति और बुरी हो सकती है। जिले में राजस्व महा अभियान-3.0 जारी है और इसमें जो पटवारी अपने काम को वक्त पर अंजाम नहीं देंगे,उन पर कार्रवाई होना तय है। खबर है कि राज्य स्तर पर ऐसे पटवारियों की सूची तैयार की जा रही है,जो काम में फिसड्डी साबित हो रहे हैं। एक टीम पटवारियों की मॉनीटरिंग कर रही है और ये बात पटवारियों को भी अच्छे से पता है, लेकिन जिले के कुछ पटवारी अभी भी पटरी पर नहीं हैं।

    छोटे-छोटे काम, बड़ी फजीहतें
    राजस्व विभाग में कोई भी काम समय पर नहीं होता। विशेष रूप से सीमांकन, नामांतरण आदि के केस में किसान या आम जन कई महीनों तक परेशान होते रहते हैं। कुछ केस तो सालों बाद भी नहीं निपट सके हैं। नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, सीमांकन आदि के लंबित प्रकरणों को निपटाने के लिए राज्य सरकार ने राजस्व महा अभियान 3.0 अभियान चलाया है। इसमें भी कई कर्मचारी, अधिकारी विशेष रूप से पटवारी लापरवाही कर रहे हैं। ऐसे कई पटवारियों को चेतावनी भी दी जा चुकी है लेकिन सुधार नहीं हुआ।


    क्या है महा-अभियान
    राजस्व महा-अभियान 1 और 2 के बाद राजस्व महा-अभियान 3.0 प्रारंभ किया गया है जिसमें मुख्य रूप से खसरा को आधार से लिंक कराने का काम है। राजस्व महा अभियान 3.0 में नामांतरण बंटवारा, सीमांकन आदि के लंबित प्रकरण निपटाने के साथ ही अभिलेख दुरुस्ती का काम भी किया जा रहा है। 15 नवंबर से प्रारंभ हुआ यह अभियान 15 दिसंबर तक चलेगा। राजस्व महा अभियान 3.0 के अंतर्गत कई पटवारियों की लापरवाही सामने आई है, लेकिन अभी सिर्फ समझाइश दी गयी है। कई पटवारी ऐसे भी हैं जिन्होंने लक्ष्य का महज 20 प्रतिशत काम ही किया है।

    पटवारियों की मुश्किलें भी कम नहीं
    एक ओर पटवारियों के कामकाज पर सदैव अंगुलियां उठाई जाती हैं,लेकिन कई बार उनके सामने भी मुश्किलें होती हैं। राजस्व महा-अभियान में पटवारी को घर-घर जाकर काम करना है। घर वालों से मिलना है,उनसे जानकारी लेनी है। ग्रामीण इलाकों में फिर भी राहत है,लेकिन शहरों में पब्लिक पटवारी को सपोर्ट करने में पीछे हैं। बड़े शहरों में पटवारियों के सामने ये बड़ी समस्या है। हालांकि, ये भी सही है कि पटवारी इस समस्या को काम न करने की वजह बनाकर पेश नहीं कर सकते।

    जबलपुर में रेवेन्यू स्टाफ बेहद कमजोर
    राजस्व अभियान के तीनों चरणों में जबलपुर के पटवारियों के कामकाज को बहुत पास से देखने वाले अधिकारियों का विश्लेषण है कि भोपाल, इंदौर और यहां तक कि ग्वालियर जिले की तुलना में जबलपुर का रेवेन्यू स्टाफ कमतर है यानी एफिशिएंसी संतोषजनक नहीं है। जबलपुर के राजस्व अमले को भी वही ट्रेनिंग दी गयी है, जो अन्य शहरों के अमले को दी जाती है फिर ये काम की क्वालिटी में ये इतना फर्क क्यों है, इस सवाल का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। फिलहाल सुधार की चेतावनी दी गई है।

    कामकाज की समीक्षा करेंगे
    बुधवार को राजस्व अधिकारियों की बैठक में राजस्व महा-अभियान की समीक्षा की जाएगी। देखा जाएगा कि अभियान की गति क्या है और किस स्तर पर हम पीछे हैं। अभियान में जुटे अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही उजागर होने पर कार्रवाई की जाएगी। राजस्व अमले का पक्ष भी सुना जाएगा, लेकिन बहाने बनाकर बचने का अवसर नहीं दिया जाएगा।
    दीपक सक्सेना, कलेक्टर

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