कोच्चि. दक्षिणी नौसेना कमान (Southern Naval Command) के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस (Flag Officer Commanding-in-Chief Vice) एडमिरल वी श्रीनिवास (एडमिरल वी श्रीनिवास) ने सोमवार को कहा कि भारत (India) के स्वदेशी विमान वाहक पोत (Indigenous aircraft carrier) आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) ने पूर्ण परिचालन स्थिति हासिल कर ली है। इसके पहले आईएनएस ने इस साल अपनी अंतिम परिचालन मंजूरी (Final Operational Clearance) हासिल की थी। कोच्चि में नौसेना के जहाज आईएनएस शार्दुल पर मीडिया से बातचीत में श्रीनिवास ने कहा कि विभिन्न परीक्षणों के पूरा होने और जहाज के बेड़े के एकीकरण के साथ आईएनएस विक्रांत अब पूरी तरह से चालू हो चुका है। वह पश्चिमी बेड़े के तहत काम कर रहा है।
श्रीनिवास ने इस बात पर जोर दिया कि देश और नौसेना के लिए गौरव का प्रतीक यह युद्धपोत भारतीय नौसेना के सभी अभियानों और प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम है। पोत को 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सेना में शामिल किया गया था। इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो (डब्ल्यूडीबी) ने डिजाइन किया है और इसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की ओर से किया गया है।
भारत के समुद्री इतिहास में अब तक निर्मित सबसे बड़ा युद्धपोत
आईएनएस विक्रांत भारत के समुद्री इतिहास में अब तक निर्मित सबसे बड़ा युद्धपोत है। अत्याधुनिक स्वचालन सुविधाओं से युक्त इस जहाज में लगभग 2,200 कंपार्टमेंट हैं। जिन्हें महिला अधिकारियों और नाविकों समेत लगभग 1,600 लोगों के चालक दल को समायोजित करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें मिग-29के लड़ाकू जेट, कामोव-31 हेलीकॉप्टर, एमएच-60आर मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर, और स्वदेशी रूप से निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) और हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तैनात हैं।
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