इलाहाबाद. वाराणसी (Varanasi) के विवादित ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में स्थित वजूखाने (vajookhaane) का वैज्ञानिक सर्वेक्षण (Scientific surveys) कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (High court) सोमवार (2 दिसंबर 2024) को दोपहर के दो बजे सुनवाई करेगा. याचिका में आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (ASI) से वजूखाने का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की गई है. परिसर के बाकी हिस्से की तरह वज़ूखाने का सर्वेक्षण भी ASI से कराए जाने की मांग है.
मुस्लिम पक्ष ने वजूखाने का सर्वेक्षण एएसआई से कराए जाने का विरोध किया है, मुस्लिप पक्ष की तरफ से दलील दी गई है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा रखी है. याचिका में वजूखाने के सर्वेक्षण को विवादित परिसर का रिलिजियस कैरेक्टर निर्धारित करने के लिए बेहद जरूरी बताया गया है. कहा गया है कि शिवलिंग को छोड़कर वजूखाने खाने के बाकी हिस्से का भी सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए.
वजूखाने के बाकी हिस्से का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग
दलील दी गई है कि हाईकोर्ट ने पिछले साल शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का आदेश दिया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. उस याचिका में शिवलिंग का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की गई थी. वादिनी राखी सिंह की ओर से याचिका दाखिल की गई है. जिसमें शिवलिंग को छोड़कर वजूखाने के बाकी हिस्से का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की गई है, याची अधिवक्ता सौरभ तिवारी के जरिए याचिका दाखिल की गई है. जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच मामले की सुनवाई कर रही है.
गौरतलब है कि, वाराणसी जिला कोर्ट के सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक ने ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे की मांग की गई थी. कोर्ट ने फैसले में कहा था कि ज्ञानवापी के पूरे परिसर का सर्वे नहीं कराया जाएगा. तब हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने कहा था कि वह इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे.
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