नई दिल्ली । भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India) ने ओटीपी आधारित एसएमएस सत्यापन (SMS Verification)को लागू करने की समयसीमा को एक बार फिर बढ़ा(increased once again) दिया है। ट्राई ने फिर दूरसंचार कंपनियों और अन्य पक्षों को अंतिम मौका देते हुए नए नियमों को लागू करने के लिए 10 दिसंबर तक का वक्त दिया है। प्राधिकरण ने साफ कर दिया है कि फर्जी एसएमएस और कॉल को 11 दिसंबर से हर हाल में रोकना होगा।
दरअसल, ट्राई ने इसी साल अगस्त में ‘मैसेज ट्रेसिबिलिटी’ नियम लाने का ऐलान किया था, जिसे एक दिसंबर से लागू होना था। यह नियम खासतौर पर फर्जी और अंपजीकृत एसएमएस को रोकने के लिए बनाया गया है, लेकिन दूरसंचार कंपनियों और अन्य संस्थाओं की तैयारियों की कमी के चलते इसे कई बार टाला जा चुका है। अब इसे लागू करने की समयसीमा 11 दिसंबर कर दी गई है। ट्राई ने टेलीमार्केटर्स और अन्य संबंधित संस्थाओं को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द अपने सिस्टम को अपडेट करें।
ट्राई ने इस नियम को जल्द से जल्द लागू करवाने के लिए आरबीआई, सेबी, पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए और बीमा नियामक इरडा समेत विभिन्न क्षेत्रीय नियामकों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार के विभागों और अन्य संगठनों के साथ संवाद किया है। इसके अलावा वेबिनार भी आयोजित किए, जिसमें सभी सेवा प्रदाता कंपनियों, प्रमुख नियामकीय संस्थाओं (PE) और टेलीमार्केटिंग कंपनियों (TMS) ने शिरकत की। इसके जरिए 27 हजार से संस्थाओं और टेलीमार्केटर्स को सेवा प्रदाता कंपनियों के साथ पंजीकृत किया जा चुका है।
टेलीमार्केटिंग कंपनियों को चेतावनी जारी
दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों ने उन नियामकीय संस्थाओं और टेलीमार्केटिंग कंपनियों को चेतावनी नोटिस जारी किए हैं, जिन्होंने अब तक आवश्यक परिवर्तन लागू नहीं किए हैं। ट्राई ने स्पष्ट कहा है कि 11 दिसंबर 2024 से किसी भी ऐसे मैसेज को स्वीकार नहीं किया जाएगा, जिसमें टेलीमार्केटिंग कंपनियों ने निर्धारित नंबर सीरीज का इस्तेमाल नहीं किया होगा। निर्धारित सीरीज को प्राप्त करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों के साथ पंजीकरण करना जरूरी है।
फर्जी मैसेज की आसानी से पहचान हो सकेगी
ट्राई ने दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे उन सभी संस्थानों और कंपनियों को पंजीकृत करें, जो ओटीपी एवं अन्य जरूरी जानकारियां ग्राहकों को एसएमएस के जरिए उपलब्ध कराती हैं। साथ ही वे बैंक, ई-कॉमर्स कंपनियों और वित्तीय संस्थान से आने वाले ऐसे सभी एसएमएस, यूआरएल लिंक और ओटीटी लिंक की पहचान कर ब्लॉक करें, जो श्वेत सूची में शामिल नहीं हैं।
नए नियम से फर्जी कॉल और मैसेज को पहचानना आसान हो जाएगा। अगर कंपनी का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है तो अवैध सीरीज वाले एसएमएस ऑटोमेटिक ब्लॉक हो जाएंगे। वहीं, अगर ग्राहक चाहता है कि ऐसे कोई मैसेज या कॉल न मिलें, तो उसे ब्लॉक करने का विकल्प दिया जाएगा। इससे स्पैम कॉल और धोखाधड़ी वाले मैसेज के जरिए की जाने वाली ठगी को रोकने में मदद मिलेगी।
बड़े पैमाने पर हो रही धोखाधड़ी
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में फर्जी एसएमएस और कॉल्स के जरिए ऑनलाइन धोखाधड़ी फ्रॉड के मामले आ चुके हैं। ज्यादातर मामलों में साइबर ठग एसएमएस के जरिए फर्जी लिंक, एपीके फाइल के लिंक आदि भेज रहे थे। इन लिंक पर क्लिक करते ही ग्राहक की निजी जानकारियां और मोबाइल उपकरण तक हैकर्स की पहुंच आसानी से हो जाती है, जिससे बड़े पैमाने पर ठगी की जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्राई के नए नियमों पर इस पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
ओटीपी आने में देरी नहीं
वहीं, नया नियम लागू होने के बाद ओटीपी में देरी की बात पर ट्राई ने स्पष्टीकरण भी जारी किया है। प्राधिकरण ने कहा कि नए बदलाव से ओटीपी भेजने में ज्यादा देरी नहीं होगी।
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