नई दिल्ली । बांग्लादेश अडानी ग्रुप (Bangladesh Adani Group)के साथ बिजली खरीद डील(power purchase deal) के तहत कीमतों में भारी कमी (Huge reduction in prices)करना चाहता है, जब तक कि कोर्ट द्वारा इसे रद्द न कर दिया जाए। वहां के ऊर्जा मंत्री ने रॉयटर्स को बताया कि इस डील की जांच चल रही है। जांच फरवरी तक पूरी होने की उम्मीद है। इसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। बता दें यह अपडेट तब आया है, जब अडानी ग्रुप पर कई संकट एक साथ आ पड़े हैं।
अमेरिकी अधिकारियों द्वारा चेयरमैन गौतम अडानी पर पहले से ही आरोप लगाए जा रहे हैं कि वे भारत में 265 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी योजना का हिस्सा थे। हालांकि, इन आरोपों से उन्होंने इनकार किया है, जबकि भारत में ही एक राज्य बिजली डील की समीक्षा कर रहा है और फ्रांस की टोटल एनर्जीज ने अपने निवेश रोक दिए हैं।
बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक बांग्लादेश में बिजली डील को रद्द करने की मांग करने वाले एक वकील की अपील के आधार पर, पिछले सप्ताह हाई कोर्ट ने विशेषज्ञों की एक समिति को कांट्रैक्ट की जांच करने का आदेश दिया। बता दें इस कांट्रैक्ट के तहत अडानी ग्रुप 2 अरब डॉलर के कोयला आधारित प्लांट से बिजली की सप्लाई करता है।
शेख हसीना के समय हुई थी डील
इस सौदे पर 2017 में अडानी और प्रधानमंत्री शेख हसीना के अधीन एक सरकारी यूनिट ने हस्ताक्षर किए थे। हसीना को इस साल भारी विद्रोह और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच हटा दिया गया था। 1,600 मेगावाट के इस प्लांट से सप्लाई पिछले साल शुरू हुई। यह बांग्लादेश की खपत का लगभग दसवां हिस्सा पूरा करती है। इस प्लांट में महंगे आयातित कोयले का उपयोग होता है।
क्या कह रहे बांग्लादेश के बिजली और ऊर्जा सलाहकार
बांग्लादेश के बिजली और ऊर्जा सलाहकार मुहम्मद फौजुल कबीर खान ने कहा, “कांट्रैक्ट में विसंगतियों के मामले में फिर से बातचीत करें। केवल भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी जैसी अनियमितताओं के मामले में ही रद्द करें।” दोनों ही न्यायालय द्वारा आदेशित जांच के निष्कर्षों पर आधारित हैं।” उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दे, जैसे कि बांग्लादेश को पावर प्लांट को कुछ भारतीय टैक्स छूट से लाभ नहीं मिल रहा है। ये पहले ही अडानी को बताए जा चुके हैं और आंशिक रूप से सौदे पर फिर से बातचीत का आधार बन सकते हैं।
अमेरिकी आरोप का इस डील पर असर नहीं
खान ने कहा कि अडानी के खिलाफ अमेरिकी भ्रष्टाचार के आरोपों का बांग्लादेशी सौदे पर कोई असर नहीं हो सकता है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा गठित एक अलग समिति पहले से ही अडानी सौदे और छह अन्य पावर कांट्रैक्ट्स की जांच कर रही है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जांच “अंतर्राष्ट्रीय वार्ता और मध्यस्थता में स्वीकार्य होगी।”
अडानी पावर लिमिटेड ने अपनी लेटेस्ट एन्युअल रिपोर्ट में कहा कि झारखंड में स्थित यह पावर प्लांट बांग्लादेश को निर्बाध, विश्वसनीय और सस्ती बिजली उपलब्ध कराएगा तथा अंतिम उपभोक्ता के लिए औसत लागत में उल्लेखनीय कमी लाएगा।
रेट पर फंसा है पेंच
बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के अनुसार, अडानी ने 2022/23 वित्तीय वर्ष में बांग्लादेश को भारत द्वारा उत्पादित बिजली के लिए 14.02 टका प्रति यूनिट की दर से सबसे अधिक दर वसूली। जबकि, औसत कीमत 8.77 टका ($0.0737) थी।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2023/24 में अडानी के रेट गिरकर 12 टका प्रति यूनिट हो गई, जो अभी भी भारत के अन्य निजी उत्पादकों की दर से 27% अधिक है और भारत के सरकारी पावर प्लांटों की तुलना में 63% अधिक है।
खान ने कहा कि बांग्लादेश में खुदरा मूल्य 8.95 टका प्रति यूनिट है। इस वजह से राजकोष पर 320 बिलियन टका का वार्षिक बिजली सब्सिडी बिल आता है। खान ने कहा, “क्योंकि कीमतें अधिक हैं, इसलिए सरकार को सब्सिडी देनी पड़ती है। हम चाहते हैं कि बिजली की कीमतें, न केवल अडानी से बल्कि औसत खुदरा कीमतों से नीचे आएं।”
लेकिन, मिलता रहेगा अडानी को पेमेंट
हालांकि, उन्होंने कहा कि बांग्लादेश अडानी से आयात की जाने वाली बिजली के लिए भुगतान करना जारी रखेगा। भुगतान में देरी के कारण कंपनी ने हाल ही में अपनी सप्लाई आधी कर दी थी। उन्होंने कहा, “जब अडानी ने अपनी आपूर्ति आधी कर दी, तो कुछ नहीं हुआ। हम किसी भी बिजली उत्पादक को हमें ब्लैकमेल करने की इजाजत नहीं देंगे।”
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