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    CM के लिए फडणवीस की प्रबल दावेदारी, RSS को भी दूसरा नाम मंजूर नहीं, ऐलान में देरी से नाराज

  • December 01, 2024

    मुंबई । महाराष्ट्र (Maharashtra)में नई सरकार (New government)के शपथ ग्रहण(Swearing-in) की तारीख भले ही सामने आ चुकी है, लेकिन प्रदेश का मुखिया यानी की मुख्यमंत्री कौन(Who is the Chief Minister?) होगा इसको लेकर अभी तक तस्वीरें साफ नहीं हुई हैं। इस बीच खबर आ रही है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भीतर नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर हो रही चर्चाओं और जातिगत समीकरणों के आधार पर निर्णय लेने की संभावनाओं से नाखुश है।

    आरएसएस ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही है। उन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन को प्रचंड जीत दिलाई। आरएसएस के वह स्वाभाविक पसंद हैं। हालांकि, बीते कुछ दिनों में भाजपा के एक वर्ग ने मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए दूसरे दावेदारों के नाम सामने रखे हैं।


    महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में विनोद तावड़े, चंद्रशेखर बावनकुले, चंद्रकांत पाटिल और केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल के नाम चर्चा में हैं। जहां विनोद तावड़े, चंद्रकांत पाटिल और मोहोल मराठा समुदाय से आते हैं। बावनकुले ओबीसी वर्ग से हैं। इनके संभावित नामों ने जातिगत समीकरणों को चर्चा के केंद्र में ला दिया है। मराठा और ओबीसी समुदायों ने विधानसभा चुनावों में अहम भूमिका निभाई। इन नेताओं के समर्थकों का मानना है कि मुख्यमंत्री चयन में इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए।

    मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर जारी असमंजस पर संघ परिवार नाराज है। आरएसएस ने चुनाव के दौरान ब्राह्मण जाति से आमने वाले देवेंद्र फडणवीस के समर्थन में जोर-शोर से प्रचार किया था। आरएसएस की योजना के तहत 3000 स्वयंसेवकों के साथ हर जिले में अभियान चलाकर महायुति की शानदार जीत सुनिश्चित की थी।

    आरएसएस के फ्रंटल संगठन “राष्ट्रीय मुस्लिम मंच” से जुड़े एक नेता ने बताया कि संघ ने भाजपा नेतृत्व को स्पष्ट रूप से संदेश दिया है कि फडणवीस की निर्णायक भूमिका को देखते हुए उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए चुना जाना चाहिए। ऐसा न करने से पार्टी को आगामी चुनावों विशेष रूप से बीएमसी के चुनावों में भारी नुकसान हो सकता है।

    संघ इस बात से भी निराश है कि जिन चार नेताओं को संघ ने तैयार किया है वे संघ के मार्गदर्शन का पालन नहीं कर रहे। संघ का कहना है कि अजित पवार और एकनाथ शिंदे, दोनों ही मराठा समुदाय से हैं। ऐसे में भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा मराठा मुख्यमंत्री पर जोर देने का कोई ठोस कारण नहीं है।

    आरएसएस के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने बताया कि जब यह मुद्दा पार्टी हाईकमान के सामने उठाया गया तो मुरलीधर मोहोल को यह स्पष्ट करना पड़ा कि मुख्यमंत्री पद के लिए उनका नाम केवल एक अफवाह है। एक पोस्ट में मोहोल ने कहा, “हमारी पार्टी अनुशासित है और पार्टी का निर्णय ही अंतिम है। ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय संसदीय बोर्ड द्वारा सर्वसम्मति से लिए जाते हैं न कि सोशल मीडिया चर्चाओं के माध्यम से।”

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