जबलपुर। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने अवैध गिरफ्तारी की जांच व क्षतिपूर्ति की मांग के मामले में नोटिस जारी कर दिए हैं। इसके जरिए -राज्य शासन, अनुविभागीय दंडाधिकारियों व पुलिस अधिकारियों से जवाब मांगा गया है। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। याचिकाकर्ता बरगी विस्थापित संघ के अध्यक्ष समाजसेवी राजकुमार सिन्हा, जनता दल के अध्यक्ष रामरतन यादव, अधिवक्ता अमनदीप सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता अमित पांडे एवं संजय सेन की ओर से अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव और राजेंद्र गुप्ता ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि जबलपुर के विभिन्न थानों की पुलिस द्वारा फरवरी, 2024 में न केवल याचिकाकर्ताओं की अवैध गिरफ्तारी की बल्कि दो दिन तक जेल में बंद रखा। इस मनमानी को गंभीरता से लेकर दो लाख रुपये व दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
क्या है मामला
पुलिस ने याचिकाकर्ताओं को इस आरोप में गिरफ्तार किया था कि वे 13 फरवरी को दिल्ली में प्रस्तावित किसान रैली में ले जाने के लिए सार्वजनिक रूप से भड़का रहे थे। इस हरकत के जरिए शांति भंग कर रहे थे। जबकि उनकी ऐसी कोई योजना नहीं थी। याचिकाकर्ताओं को दो दिन जेल में रखकर रिहा कर दिया गया। विभिन्न अनुविभागीय दंडाधिकारियों द्वारा जानबूझकर दो दिन तक उनके प्रकरणों की सुनवाई नहीं की गई। उनके द्वारा जमानत भरने से इंकार करने पर जमानत और मुचलके के फर्जी कागज लगा दिए गए। पुलिस, दंडाधिकारी व जिला प्रशासन का उक्त कृत्य न केवल अवैधानिक था बल्कि संविधान के अनुच्छेद-21 का खुला उल्लंघन भी था। लिहाजा, जांच कर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध समुचित कार्यवाही की जानी चाहिए। साथ ही क्षतिपूर्ति राशि भी दिलवाई जानी चाहिए।
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