इंदौर। पिछले दिनों जोर-शोर से पंजीयन विभाग (Registration Department) ने मुख्यमंत्री (CM) के हाथों सम्पदा-2.0 (Sampada-2.0) पोर्टल (portal ) की लॉन्चिंग करवा दी और बढ़-चढक़र दावे किए कि इससे रजिस्ट्री करवाना सुविधाजनक होगा और ऑनलाइन ही घर या दफ्तर में बैठे रजिस्ट्री (Registry) हो सकेगी। साथ ही गवाह की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी। मगर यह सुविधा अब दुविधा में बदल गई है और इस नए पोर्टल में ढेरों खामियां सामने आ रही है। दूसरी तरफ पुराने पोर्टल पर स्लॉट घटा देने के कारण कम रजिस्ट्रीयां भी हो रही है।
इंदौर के उप पंजीयक कार्यालयों में रोजाना औसतन 700 से 800 रजिस्ट्रियां होती हैं। पिछले दिनों पुराने पोर्टल-1.0 के जरिए होने वाली रजिस्ट्रियों के स्लॉटों की संख्या घटा दी, ताकि नए पोर्टल-2.0 पर अधिक रजिस्ट्रियां हो सके। मगर इस नए पोर्टल पर बहुत कम लोग रजिस्ट्री करवा रहे हैं, क्योंकि इसमें कई तरह की दुविधाएं हैं और जो दस्तावेज मिलते हैं उस पर ना सील रहती है और ना ही यह पता चलता है कि कौन-से उपपंजीयक कार्यालय से यह रजिस्ट्री निष्पादित हुई है, जिसके चलते बैंक भी इस रजिस्ट्री को मान्य नहीं कर रहे और वे सील-सिक्के वाली रजिस्ट्री मांगते हैं। इस संबंध में कल प्रॉपर्टी ब्रोकर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भी उप महानिरीक्षक पंजीयन बालकृष्ण मोरे से मुलाकात की और उन्हें नए पोर्टल की खामियों से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा। अब अगर जल्द निराकरण नहीं हुआ तो ये ब्रोकर और रजिस्ट्री का कार्य करवाने वाले अभिभाषक एक साथ भोपाल जाकर महानिरीक्षक पंजीयन से मिलेंगे। सूत्रों का कहना है कि नए पोर्टल पर रजिस्ट्री करवाना अत्यंत कष्टदायक है और 3 से 5 घंटे तक का समय लग रहा है। यही कारण है कि सर्विस प्रोवाइडर से लेकर रजिस्ट्री करवाने वाले इस नए पोर्टल से बच रहे हैं।
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