नई दिल्ली। भारतीय बैंकों (Indian banks) ने अक्टूबर में आरबीआई (RBI) के सख्त मानदंडों का पालन करते हुए एक साल पहले जारी क्रेडिट कार्ड (Credit card) के मुकाबले आधे कार्ड जारी किए हैं। भारत में बैंकिंग सेवा (Banking service) की सीमित पहुंच को देखते हुए यह पता करना जरूरी हो जाता है कि जब देश की छोटी से जनसंख्या के पास ही क्रेडिट कार्ड (Credit card) की सुविधा मौजूद है तो फिर बैंकों के हाथ से छूटता जा रहा विकास का अवसर कब तक इस कदम से दूर रखेगा। मिंट ने इन बैंकों के साथ क्रेडिट कार्ड से जुड़े अन्य पहलुओं का विश्लेषण किया है।
किसने कितने जारी किए कार्ड
अक्टूबर में बैंकों ने 7.9 लाख क्रेडिट कार्ड जारी किए, जबकि पिछले अक्टूबर में यह संख्या 16.9 लाख थी। एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने सबसे अधिक 2.4 लाख क्रेडिट कार्ड जोड़े, उसके बाद भारतीय स्टेट बैंक की सहायक कंपनी एसबीआई कार्ड ने 2.2 लाख क्रेडिट कार्ड जारी किए। वहीं आईसीआईसीआई बैंक ने 1.4 लाख कार्ड जारी किए।
कुछ बैंकों को क्रेडिट कार्ड के मामले में अक्टूबर में गिरावट देखनी पड़ी क्योंकि उनके खारिज और अवधि समाप्त होने वाले कार्ड की संख्या नए कार्डों के मुकाबले ज्यादा रही। इस अवधि में कोटक महिंद्रा बैंक ने 97,940 कार्ड, आरबीएल बैंक ने 43,675 कार्ड और एक्सिस बैंक ने 20,573 कार्ड कम जारी किए। साथ ही, भारतीय रिजर्व बैंक ने कोटक महिंद्रा बैंक पर क्रेडिट कार्ड जारी करने से रोक लगा रखी है।
भुगतान क्षमता जांचने से थमी
इस धीमी रफ्तार का मुख्य कारण कर्ज देने वालों का जोखिम पुनर्मूल्यांकन है। एक बैंकर के मुताबिक ऋणदाता क्रेडिट कार्ड जारी करने में धीमी गति अपना रहे हैं और नए आवेदकों को लेकर सख्त मानदंड अपना रहे हैं। बैंक अब आवेदन स्वीकारते समय ग्राहक की पुनर्भुगतान क्षमता की ज्यादा सख्ती से जांच कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे कमजोर आवेदकों को छांटा जा सकेगा और क्रेडिट कार्ड यूजर्स के बीच भुगतान संबंधी दबाव को लेकर चिंता कम होगी। देखा जाए तो ज्यादातर अधिक क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता पैसा लौटाने में देरी कर रहे हैं, इसलिए बैंक अपनी बैलेंस शीट को भुगतान दबाव से बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
आने वाले महीनों में तेजी की उम्मीद कम
विश्लेषकों को निकट भविष्य में जारी किए जाने वाले क्रेडिट कार्ड में तेजी की उम्मीद नहीं है। आनंद राठी इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के प्रमुख बीएफएसआई विश्लेषक कैतव शाह ने कहा कि उन्हें इस वित्तीय वर्ष में क्रेडिट कार्ड जारी करने में तेज़ी की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड जारी करने में धीमी गति के अलावा, कोटक महिंद्रा बैंक पर प्रतिबंध भी कार्ड जोड़ने को प्रभावित कर रहे हैं।
बाजार हिस्सेदारी खो रहे हैं बैंक
आनंद राठी रिसर्च द्वारा विश्लेषण किए गए डाटा के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई कार्ड की प्रणाली में बकाया क्रेडिट कार्ड की संख्या के हिसाब से 18.5% बाजार हिस्सेदारी थी, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 55 आधार अंकों की गिरावट थी। ग्राहकों को 25 नवंबर को भेजे गए नोट में उपलब्ध डाटा से पता चला कि एसबीआई कार्ड ने भी मूल्य के हिसाब से क्रेडिट कार्ड खर्च में साल-दर-साल 404 आधार अंक बाजार हिस्सेदारी खोई है। कोटक महिंद्रा बैंक के मामले में, बकाया कार्ड में नुकसान 112 आधार अंक था, जबकि उसी अवधि में कार्ड खर्च के मूल्य के हिसाब से 35 आधार अंक का नुकसान हुआ।
क्या ग्राहक बकाया चुका रहे हैं?
क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का पुनर्भुगतान करने में देरी करने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ती जा रही है। क्रेडिट ब्यूरो ट्रांसयूनियन सिबिल का कहना है कि क्रेडिट कार्ड बकाया की मात्रा, जिसमें पुनर्भुगतान में 90 दिनों से अधिक की देरी होती है, जून में साल-दर-साल 17 आधार अंक बढ़कर 1.8% हो गई है। मैक्वेरी कैपिटल के एमडी और वित्तीय सेवा अनुसंधान के प्रमुख सुरेश गणपति ने सितंबर में कहा कि युवा मिलेनियल्स कार्ड की पूरी सीमा का उपयोग कर रहे हैं, ऋण का कुछ हिस्सा चुकाए बिना ही डिफॉल्ट कर रहे हैं और इस राशि को फंसे या डूबे कर्ज में बदल रहे हैं।
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