नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) पर संयुक्त समिति (Joint Committee) का कार्यकाल गुरुवार (28 नवंबर, 2024) को लोकसभा (Lok Sabha) की ओर से 2025 में संसद (Parliament) के बजट सत्र (Budget Session) के दिन तक बढ़ा दिया गया. बजट सत्र आमतौर पर फरवरी या मार्च में होता है. समिति के अध्यक्ष और भाजपा नेता जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal) ने निचले सदन में प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई. मामले को लेकर राजनीति भी हो रही है.
वक्फ बिल पर जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष सिद्दिकउल्ला चौधरी ने सरकार को धमकाते हुए कहा कि सरकार आग से खेलना बंद करे. उन्होंने कहा, “ये मुसलमानों के हक को छीनना चाहते हैं और वक्फ बोर्ड को छीनकर खाना चाहते हैं. ये प्रधानमंत्री के अंदर नहीं आता है. आग से खेलना बंद करें. हम पुरजोर तरीके से इस बिल का विरोध करते हैं. वे मुल्क का बंटवारा करना चाहते हैं. हमलोग एक होकर लड़ेंगे.”
27 नवंबर को बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने समिति की बैठक के बाद कहा कि इसके सदस्य इस बात पर एकमत थे क्योंकि इसे छह राज्यों सहित कुछ अन्य हितधारकों की बात सुननी है, जहां वक्फ और राज्य सरकारों के बीच विवाद हैं. उन्होंने ने पत्रकारों से कहा, “हमें लगता है कि इसकी समयसीमा बढ़ाने की आवश्यकता है.”
समिति की ओर से विभिन्न हितधारकों से मिलने के लिए कुछ राज्यों का दौरा करने की उम्मीद है. बीजेपी सांसद और समिति की सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि समिति लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध करेगी कि वह सदन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय सीमा को 2025 के बजट सत्र के अंतिम दिन तक बढ़ा दें.
21 नवंबर को समिति की आखिरी बैठक के बाद जगदंबिका पाल ने कहा था कि इसकी मसौदा रिपोर्ट तैयार है. उन्होंने संकेत दिया कि हितधारकों के साथ समिति का परामर्श खत्म हो गया है और इसके सदस्य अब रिपोर्ट पर चर्चा करेंगे और इसे अपनाने से पहले इसमें कोई बदलाव अगर कोई हो, सुझाएंगे. 27 नवंबर की बैठक में विपक्षी सदस्यों ने इस रुख पर कड़ी आपत्ति जताई और जल्द ही सदन से बाहर निकल गए. उनका दावा था कि बिरला ने उन्हें आश्वासन दिया था कि इसका कार्यकाल बढ़ा दिया जाएगा.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved