इंदौर। एक तरफ मेट्रो के एलिवेटेड कॉरिडोर पर तेज गति से काम चल रहा है, वहीं पिछले दिनों अंडरग्राउंड के टेंडर भी बुला लिए हैं। हालांकि अभी फाइनेंेिशयल टेंडर मंजूर नहीं हुआ है। प्राधिकरण द्वारा जो आईएसबीटी यानी बस टर्मिनल बनवाया गया है उससे मेट्रो स्टेशन की कनेक्टीविटी दी जा रही है, जिसके लिए ब्रिज का निर्माण भी शुरू हो गया है। दरअसल, दोनों स्टेशनों के बीच 20 मीटर से अधिक की दूरी है, जिसके चलते यात्रियों को आने-जाने में समस्या ना रहे इसलिए यह ब्रिज बन रहा है। साढ़े 17 किलोमीटर के मेट्रो के एलिवेटेड कॉरिडोर, जिसका निर्माण गांधी नगर से लेकर सुपर कॉरिडोर, एमआर-10 होते हुए विजय नगर, रेडिसन से रोबोट चौराहा तक किया गया है, उस पर इन दिनों मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन तेजी से काम करवा रहा है। अभी यूरेशियन बैठक के लिए मेट्रो के एलिवेटेड कॉरिडोर को भी रोशनी से सजाया गया है।
वहीं साढ़े 5 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर, जिस पर ट्रायल रन लिया गया, उस पर अब अगले वर्ष से व्यवसायिक संचालन शुरू करने की भी तैयारी की जा रही है, जिसके चलते पटरियों को बिछाने, स्टेशनों को तैयार करने के साथ इलेक्टीफिकेशन, सिग्रलिंग सहित अन्य कार्य भी तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ इंदौर विकास प्राधिकरण ने एमआर-10, कुमेर्डी पर अंतरराज्यीय बस टर्मिनल निर्मित करवाया है, उसका संचालन भी जनवरी से शुरू किया जाएगा और इसी बस टर्मिनल से मेट्रो स्टेशन को जोड़ा जा रहा है, ताकि यात्रियों की आवाजाही आसान रहे और बस टर्मिनल तक मेट्रो के जरिए यात्री आसानी से पहुंच सकें। लिहाजा ब्रिज के जरिए दोनों स्टेशनों को आपस में जोड़ा जा रहा है। जमीन से 12 मीटर ऊंचा यह ब्रिज बनाया जा रहा है और अभी सीमेंट के बड़े पिलर बस स्टैंड के गेट के बाहर बनाए जा रहे हैं, उस पर लोहे के स्ट्रक्चर के साथ पैदल ब्रिज बनेगा, जिसमें ब्रिज और एस्केलेटर की सुविधा रहेगी, ताकि यात्रियों को अपने लगेज के साथ स्टेशन आने-जाने में आसानी रहे।
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