नई दिल्ली। इजरायल (Israel) का लेबनान आतंकियों के साथ युद्धविराम (Armistice) लागू हो गया है। अगले 60 दिनों तक दोनों ओर से कोई भी एक-दूसरे पर हमले नहीं करेगा। समझौते के मुताबिक, किसी भी पक्ष के शर्तों के उल्लंघन पर दूसरे को कुछ भी करने की छूट है। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच सीजफायर ने गाजा के हमास आतंकियों के लिए नई आस जगा दी है। भले ही युद्ध के मोर्चे पर हिजबुल्लाह ने अब हमास का साथ छोड़ दिया, लेकिन हमास को लगता है कि यह उसके लिए फायदेमंद ही होगा। हमास ने बुधवार को कहा कि वो भी इजरायल के साथ युद्धविराम को तैयार हैं। हमास ने कहा कि हिजबुल्लाह और इजरायल का युद्धविराम गाजा में नरसंहार को समाप्त करने के रास्ते खोलेगा।
बता दें कि हिजबुल्लाह ने 8 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर रॉकेट दागना शुरू कर दिया था। यह घटना दक्षिणी इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के एक दिन बाद हुई थी जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 251 अन्य को बंधक बना लिया गया था। हिजबुल्लाह ने शुरू में कसम खाई थी कि वह तब तक इजरायल से लड़ना बंद नहीं करेगा जब तक कि गाजा में भी युद्ध विराम नहीं हो जाता। अब हिजबुल्लाह के सीजफायर पर हामी भरने के बाद हमास में भी आस जगी है।
उधर, दोनों आतंकवादी समूहों के मुख्य समर्थक ईरान ने भी कहा कि वह लेबनान युद्ध विराम का स्वागत करता है, लेकिन वह इसे गाजा से नहीं जोड़ता। इजरायल ने कहा है कि लेबनान युद्ध विराम की एक प्रमुख उपलब्धि दोनों आतंकी समूहों के बीच संबंध तोड़ना था।
हमास के सीनियर लीडर सामी अबू जुहरी ने रॉयटर्स को बताया, “हमास लेबनान और हिजबुल्लाह के इस कदम की सराहना करता है कि वे एक ऐसे समझौते पर पहुंचे जो लेबनान के लोगों की रक्षा करे और हम आशा करते हैं कि यह समझौता गाजा में संघर्षविराम का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।”
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