इंदौर। इंदौर (Indore) में मेट्रो रूट के स्टेशनों के निर्माण पर अब जोर दिया जा रहा है। मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (Metro Rail Corporation) अगले साल सितंबर तक मेट्रो का ट्रायल रन शुरू करना चाहता है। फिलहाल मेट्रो ट्रेक पर रेलवे लाइन और विद्युतीकरण (Railway line and electrification) का काम हो चुका है। स्टेशन बनने के बाद संचालन शुरू करने में आसानी होगी।
सिंहस्थ के हिसाब से एमआर-10 पर बनकर तैयार हो चुके बस स्टेशन को मेट्रो के स्टेशन से जोड़ने के लिए ब्रिज बनाने काम भी शुरू हो गया है। स्टेशन से निकलने वाले यात्री सड़क पार करने के बजाए सिर्फ ब्रिज से मेट्रो स्टेशन तक जा सकें, इसलिए दोनों स्टेशनों को ब्रिज से जोड़ा जा रहा है। दोनों स्टेशनों के बीच की दूरी 20 मीटर है। इतनी ही लंबाई में ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है।
जमीन से ब्रिज की ऊंचाई 12 मीटर रहेगी। इसके लिए बस स्टेशन के गेट के बाहर सीमेंट के बड़े पिलरों का निर्माण किया जा रहा है। उस पर लोहे के स्ट्रक्चर को रखकर पैदल ब्रिज बनेगा। इस ब्रिज को एस्केलेटर और लिफ्ट से भी जोड़ा जाएगा, ताकि यात्री अपने लगेज के साथ ब्रिज पर चढ़ सकें और मेट्रो स्टेशन तक जा सकें।
मेट्रो रूट के व्यस्त सुखलिया ग्राम चौराहे, विजय नगर और रेडिसन चौराहे पर भी सड़क किनारे ब्रिज बनाकर मेट्रो स्टेशनों से जोड़ा जाएगा। इससे सड़क पर हादसे का अंदेशा कम रहेगा। अगले साल मेट्रो के संचालन से पहले पांच मेट्रो स्टेशनों का निर्माण होना है। इनका सिविल वर्क पूरा हो चुका है। अब अन्य निर्माण होना है। विधानसभा चुनाव के पहले हुए मेट्रो के ट्रायल रन के समय गांधी नगर वाले हिस्से में एक मेट्रो स्टेशन बनाकर तैयार कर लिया गया था।
मेट्रो का अंडरग्राउंड वर्क अगले माह से शुरू होगा। पहले एयरपोर्ट से गांधी नगर वाले हिस्से को जोड़ा जाएगा। उधर एमजी रोड की तरफ से भी इसके लिए काम शुरू होगा। मेट्रो के अंडरग्राउंड साढ़े आठ किलोमीटर के रूट में ढाई हजार करोड़ रुपये का खर्च होगा। इस काम के लिए छह कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। कंपनियों की तकनीकी बिड खुल चुकी है। जल्दी ही वित्तीय बिड भी खोली जाएगी। अंडरग्राउंड हिस्से में मेट्रो के सात स्टेशन भी बनेंगे।
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